भारत-चीन के बीच सीमा पर तनातनी चल रही है। इस बीच कंगाली की सीमा पर खड़ा पाकिस्तान चीन के भंवरजाल में लगातार फंसता जा रहा है। भारतीय वायु सेना के चीफ आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि सीपेक (सीपीईसी) के जरिये चीन के कर्ज जाल में पाकिस्तान फंस गया है।
अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी ने चीन के लिए संभावनाएं खोल दी हैं। चीन अफगानिस्तान में सीधे तौर पर और पाकिस्तान के जरिये इन संभावनाओं तक पहुंचने की कोशिश में है। एयर फोर्स चीफ ने बताया कि कम खर्च और आसानी से उपलब्ध होनेवाली तकनीकी के कारण चीन असंगत परिणामों के लिए अधिक मारक, चुस्त और कार्यक्षम बन गया है।
ये भी पढ़ें – वैक्सिन को लेकर अब ये है टेंशन!
भारत के साथ बिगड़े संबंध चीन के लिए क्षति
वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि एलएसी पर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध वैश्विक स्तर पर चीन के लिए अच्छा नहीं है। यदि चीन के सपने वैश्विक हैं तो भारत से गतिरोध उसके लिए उपयुक्त नहीं है। उत्तर में चीन का उद्देश्य क्या होगा इसको पहचानना आवश्यक है और इससे उन्हें क्या मिला यह समझना आवश्यक है।
Any serious India-China conflict isn't good for China at global front. If Chinese aspirations are global then it doesn't suit their grand plan. What could be possible Chinese objectives for their action in north?…It's imp that we recognise what they've really achieved:IAF Chief pic.twitter.com/wtwPR8dGVk
— ANI (@ANI) December 29, 2020
हम भी हैं तैयार
एयर चीफ ने कहा कि सीमा पर चीन ने मजबूत मोर्चा बंदी कर रखी है। ढेर सारे राडार, मिसाइल तैनात हैं। हमने इस संबंध में जो आवश्यक कार्यवाही थी वह की है। वैश्विक अस्थिरता के समय में चीन के पास अवसर था अपनी क्षमता और शक्ति को दर्शाने का।
Join Our WhatsApp Community