छत्तीसगढ़ के पहले उपमुख्यमंत्री बने टीएस, भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना

2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ऐतिहासिक 68 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही थी, तब मुख्यमंत्री पद के दो प्रबल दावेदार भूपेश बघेल एवं टी.एस. सिंहदेव थे।

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टीएस सिंहदेव के उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने 28 जून की देर रात एक बयान में कहा कि आदेश कांग्रेस पार्टी ने निकाला है, कांग्रेस पार्टी को उपमुख्यमंत्री बनाने का अधिकार नहीं है। साव ने कहा कि यह अधिकार मुख्यमंत्री का, राज्यपाल का है।

टीएस सिंहदेव का अपमान
साव ने कहा कि जिसे ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का वादा था, उसे 4 महीने के लिए उपमुख्यमंत्री बनाया जाना टीएस सिंहदेव का अपमान है। उन्होंने कहा कि चला चली की बेला में कांग्रेस ने अपने अंतरकलह को मिटाने का यह प्रयास किया है। साव ने कहा कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार, नशा और अराजकता का गढ़ बना रखा है। जनता के आक्रोश से कांग्रेस डरी हुई है इन सब फैसलों से अब कुछ नहीं होने वाला।

सिंहदेव ने मन मसोसकर किया है स्वीकार
इधर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की टीएस सिंहदेव ने मन मसोसकर उप मुख्यमंत्री का पद तो स्वीकार कर लिया है परंतु वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को स्वीकार नहीं कर पाएंगे और जो 4 वर्ष तक अपमान का घूंट पीते रहे और जिन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा वे तब कुछ नहीं कर पाए तो अब क्या खाक कर पाएंगे।

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छत्तीसगढ़ के पहले उप मुख्यमंत्री बने टीएस
टी.एस.सिंहदेव सरगुजा संभाग समेत छत्तीसगढ़ की सियासत में गहरी पैठ रखते हैं। इसे कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां बखूबी समझती हैं। इस वजह से विधानसभा चुनाव से महज चार-पांच माह पहले कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम का पद देकर पार्टी को नुकसान से बचाने की कवायद की है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 22 वर्ष में पहली बार हुआ है कि किसी सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।

बघेल और सिंहदेव दोनों थे मुख्यमंत्री के दावेदार
2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ऐतिहासिक 68 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही थी, तब मुख्यमंत्री पद के दो प्रबल दावेदार भूपेश बघेल एवं टी.एस. सिंहदेव थे। उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भूपेश बघेल मजबूत तो थे ही विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं चुनावी घोषणा पत्र समिति के संयोजक के रूप में सिंहदेव का कद भी काफी बड़ा हो चुका था। अंतिम समय में मुख्यमंत्री पद के लिए फैसला बघेल के नाम पर हुआ और बघेल सरकार में सिंहदेव को स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री की जिम्मेदारी मिली। बाद में सिंहदेव ने पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था लेकिन स्वास्थ्य मंत्री पद पर बने रहे।

सरगुजा क्षेत्र में मजबूत पकड़
सिंहदेव की सरगुजा क्षेत्र में गहरी पकड़ है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस किसी भी सूरत में आदिवासी बहुल क्षेत्र सरगुजा में अपनी पकड़ जरा भी कमजोर नहीं होने देना चाह रही है। ऐन चुनाव से 5 महीने पहले सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाया जाना उसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है। लेकिन सवाल यह भी है कि कार्यकाल के अंतिम महीनों में उपमुख्यमंत्री बनकर सिंहदेव खुश रह पाएंगे?

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