Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण की वो सीटें जहां कभी नहीं खुला सपा, बसपा और कांग्रेस का खाता

उत्तर प्रदेश में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां अब तक विपक्ष का खाता नहीं खुला है।

116

18वीं लोकसभा (Lok Sabha) के चुनाव (Elections) के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की आठ संसदीय सीटों (Parliamentary Seats) अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा पर 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं। दूसरे चरण (Second Phase) में पांच सीटें ऐसी हैं जहां अब तक समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) का खाता नहीं खुला है। दो सीटें ऐसी भी हैं जहां कांग्रेस (Congress) अपना खाता नहीं खोल पाई है।

मेरठ सीट पर सपा पार्टी का अब तक खाता नहीं खुला है। बसपा इस सीट पर 2004 में जीती थी। उसके बाद बसपा को जीत नसीब नहीं हुई। कांग्रेस इस सीट पर अंतिम बार 1999 के आम चुनाव में जीती थी। भाजपा इस सीट पर कुल पांच बार जीत चुकी है। 2009 से लगातार इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। 2024 के चुनाव में भाजपा चौथी बार की जीत की तैयारी में है।

यह भी पढ़ें- Lok Sabha Elections: राजस्थान से INDI गठबंधन पर गरजे PM Modi, बोले- एससी-एसटी आरक्षण कम करके मुसलमानों में बांटना चाहती है कांग्रेस

सपा और बसपा का खाता नहीं खुला
बागपत पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि है। जाटलैण्ड की अहम सीट बागपत पर अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर अब तक सपा और बसपा का खाता नहीं खुला है। इस सीट के संसदीय इतिहास में 1971 और 1996 के चुनाव में कांग्रेस दो बार यहां जीत दर्ज करा चुकी है। इस सीट को चौधरी परिवार का गढ़ माना जाता है।

2009 में नई बनी गाजियाबाद सीट पर सपा, बसपा और कांग्रेस का खाता नहीं खुला है। 2009, 2014 और 2019 के आम चुनाव में ये सीट भाजपा की झोली में गई। पिछले चुनाव में सपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। भाजपा के विजय कुमार सिंह ने 5 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से सपा प्रत्याशी को हराया था।

इसी तरह 2009 में अस्तित्व में आई गौतमबुद्ध नगर सीट पर पहली बार बसपा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर सपा और कांग्रेस का खाता अब तक नहीं खुला है। 2014 और 2019 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा ने यहां शानदार जीत हासिल की। पिछले चुनाव में बसपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर थी।

कांग्रेस आखिरी बार 2004 में यहां जीती थी
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा संसदीय सीट पर 17 आम चुनाव हो चुके हैं। लेकिन इस सीट पर अब तक सपा और बसपा का खाता नहीं खुला है। दोनों दल यहां अपना खाता खोलने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। भाजपा ने ये सीट अब तक 6 बार जीती है। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को 2009 में यहां जीत नसीब हुई थी। कांग्रेस आखिरी बार 2004 में यहां जीती थी। पिछले दो चुनाव से इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी हेमामालिनी मतों के बड़े अंतर से जीत रही है। इस बार भाजपा उम्मीदवार हेमामालिनी जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं।

तब से ये सीट भाजपा के कब्जे में है
बुलंदशहर सुरक्षित सीट होने के बावजूद इस सीट पर बसपा का अब तक खाता नहीं खुला है। इस सीट पर 1991 से 2004 तक लगातार भाजपा का कब्जा रहा। 2009 में सपा ने यहां जीत दर्ज की। 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने जीत के साथ वापसी की। तब से ये सीट भाजपा के कब्जे में है। भाजपा इस सीट को अब तक 7 बार जीत कर रिकार्ड बना चुकी है। कांग्रेस यहां 40 साल पहले आखिरी बार 1984 के आम चुनाव में जीती थी।

कांग्रेस आखिरी बार 1984 में जीती थी
ऐसा लगता है मानो तालानगरी अलीगढ़ में सपा की किस्मत को ही ताला लगा हुआ है। इस सीट पर सपा अब तक जीत नसीब नहीं हुई है। 1991 से लगातार चार चुनाव में भाजपा ने यहां जीत का झंडा गाड़ा। 2004 के आम चुनाव में भाजपा की जीत का सिलसिला कांग्रेस ने जीत के साथ तोड़ा। 2009 में बसपा को यहां सफलता मिली। 2014 में भाजपा ने जीत के साथ शानदार वापसी की, तब से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस आखिरी बार 1984 के आम चुनाव में यहां से जीती थी।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.