Lok Sabha Election 2024: इलेक्शन किंग के नाम से मशहूर शख्स एक बार फिर चुनावी मैदान में, जानिए कौन हैं के. पद्मराजन

तमिलनाडु के सेलम के रहने वाले डॉ. के. पद्मराजन 'इलेक्शन किंग' के नाम से मशहूर हैं। इस बार उन्होंने धर्मपुरी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा है।

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तमिलनाडु (Tamil Nadu) के सेलम के रहने वाले डॉ. के. पद्मराजन (Dr. K. Padmarajan) ‘इलेक्शन किंग’ (Election King) के नाम से मशहूर हैं। के. पद्मराजन ने पहली बार साल 1988 में चुनाव (Elections) लड़ा था। उन्होंने लगभग 300 चुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया है और सबसे असफल उम्मीदवार (Candidates) के रूप में अपने नाम पर अवांछित गिनीज रिकॉर्ड दर्ज किया है। डॉ. पद्मराजन का नाम ‘भारत के सबसे असफल उम्मीदवार’ के तौर पर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (Limca Book of Records) में भी दर्ज हो चुका है।

वह 238 बार चुनाव मैदान में उतरे। लेकिन, कभी जीत नहीं पाई। एक बार नहीं, दो बार नहीं, ये आदमी अब तक 238 बार चुनाव हार चुका है, करोड़ों रुपये जमानत जब्त हो चुके हैं। इलेक्शन किंग अभी भी 239वां चुनाव हारने के लिए मैदान में हैं।

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चुनाव लड़ना और हारना पसंद
अटल बिहारी वाजपेई से लेकर मनमोहन सिंह तक और मनमोहन सिंह से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ये मूंछ वाला शख्स सबके खिलाफ चुनाव लड़ चुका है। हर बार उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है। लेकिन फिर भी उसे चुनाव लड़ना और हारना पसंद है। असफलता सफलता की पहली सीढ़ी है। लेकिन इस शख्स के लिए असफलता आसमान जितनी बड़ी है। क्योंकि यह अपने प्रभाव के कारण लोगों में चर्चा का विषय बन गया है।

239वीं बार एक बार फिर चुनावी मैदान में
टायर पंक्चर की दुकान चलाने वाले के. पद्मराजन को चुनाव में 238 बार टिकट दिया गया। वहीं, 239वीं बार वह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे।

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
चुनावी राजा के तौर पर अपनी अलग पहचान रखने वाला ये शख्स एक खतरा है। वह सरपंच से लेकर राष्ट्रपति तक सभी चुनाव बिना शर्त हार गए। कौन कहता है दुनिया सिर्फ जीतने वालों को ही याद रखती है, बल्कि हारने वालों को भी याद रखती है, याद हो तो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी इसका नाम दर्ज है।

एक आम आदमी भी चुनाव लड़ सकता है
लोग पद्मराजन पर हंसते हैं, उनका मजाक उड़ाते हैं। लेकिन, पद्मराजन लोगों को गंभीरता से नहीं लेते। क्योंकि लोग जीतने से खुश होते हैं। लेकिन पद्मराजन को चुनाव हारने की एक अलग ही लत है। पद्मराजन यह दिखाना चाहते हैं कि एक आम आदमी भी चुनाव लड़ सकता है। लेकिन इसे लेकर एक सीधा सा सवाल है। एक आम आदमी भी चुनाव लड़ सकता है। पद्मराजन इसे 238 बार क्यों दिखाना चाहेंगे? वैसे भी पद्मराजन के मन में अभी भी हारे हुए सभी चुनावों के दाग हैं। इसलिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। (Lok Sabha Election 2024)

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