शिवसेना को लेकर शिंदे-उद्धव विवादः इस कारण टली सुनवाई

27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने उद्धव गुट की याचिका खारिज करते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर निर्वाचन आयोग की कार्रवाई रोकने से इनकार कर दिया था।

91

सर्वोच्च न्यायालय में 29 नवंबर महाराष्ट्र के शिंदे-उद्धव विवाद पर सुनवाई नहीं होगी। पांच सदस्यीय संविधान बेंच के सदस्य जस्टिस कृष्ण मुरारी के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी।

29 नवंबर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस कृष्ण मुरारी की तबीयत खराब है, जिसकी वजह से वे सुनवाई के लिए नहीं आ सके। 1 नवंबर को संविधान बेंच ने सुनवाई टालते हुए दोनों पक्ष के दो वकीलों को चार हफ्ते में मुद्दों का संकलन तैयार को कहा था। कोर्ट ने कहा कि कि हर पक्ष तय करे कि किस मुद्दे पर कौन जिरह करेगा, ताकि सुनवाई जल्द निपट सके।

इस तरह चली पिछली सुनवाई
-27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने उद्धव गुट की याचिका खारिज करते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर निर्वाचन आयोग की कार्रवाई रोकने से इनकार कर दिया था। संविधान बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।

यह भी पढ़ें – मदरसे ले रहे थे दोहरा लाभ, केंद्र सरकार ने लिया छात्रवृत्ति पर बड़ा निर्णय

-गौरतलब है कि 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना का मामला 5 जजों की संविधान बेंच को सौंप दिया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा था कि संविधान बेंच तय करेगी कि स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो वह अयोग्यता पर सुनवाई कर सकते हैं। पार्टियों के आंतरिक लोकतंत्र और उसमें चुनाव आयोग की भूमिका पर भी संविधान बेंच विचार करे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.