घमासान पर ‘निरूपम’ समाधान

ये वही नेता हैं जो वर्षों से एआईसीसी पर कब्जा जमाए बैठे हैं। जब अच्छा हुआ तो भोगे,अब बुरा हुआ तो कोस रहे हैं। बड़े नेताओं की नेतृत्व में घटती आस्था पार्टी को कमजोर करेगी।- संजय निरुपम

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कांग्रेस में कलह का अंत नजर नहीं आ रहा है। जिन नेताओं की वजह से पार्टी देश पर शासन करती थी, वे ही आज हमलावर की भूमिका में आ गए हैं। वे पार्टी नेतृत्व को लेकर सार्वजनिक रुप से सवाल उठा रहे हैं। ऐसे नेताओं में कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद आदि शामिल हैं। दूसरी ओर पार्टी में अशोक गहलोत, अधीर रंजन चौधरी और संजय निरुपम जैसे नेता भी हैं, जो विरोधियों के हमले को निस्तेज करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन पार्टी में चल रही इस तरह की अंदरुनी कलह का असर पार्टी की सेहत पर पड़ रहा है। जब बीजेपी समेत अन्य पार्टियां पश्निम बंगाल और तमिलनाडु में 2021 में होनेवाले चुनाव की तैयारी में आक्रामक ढंग से जुटी हैं तो कांग्रेस नेता आपस में उलझकर अपनी ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में जहां पार्टी नेता संजय निरुपम ने पार्टी पर सवाल उठानेवाले नेताओं की आलोचन की है, वहीं उन्होंने इस झगड़े के समाधान भी सुझाए हैं।

कांग्रेस अब असरदार विपक्ष नहीं
पिछले कुछ महीनों से पार्टी नेतृत्व के प्रति खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे कपिल सिब्बल बिहार चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर फिर से मुखर हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में कहा है कि अब कांग्रेस पार्टी देश में असरदार विपक्ष नहीं रह गई है।

संजय निरुपम ने नाम लिए बिना की आलोचना
कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह को लेकर कांग्रेस के पूर्व सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम का दर्द छलका है। उन्होंने लगातार तीन ट्विट कर अपनी बात रखी है।

नेताओं को सुनाई खरी-खोटी
संजय निरुपम ने ट्विवटर पर लिखा है, ‘भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। लेकिन हमारे वरिष्ठ नेता आपस में लड़ रहे हैं,वह भी सार्वजनिक रुप से। ये वही नेता हैं जो वर्षों से एआईसीसी पर कब्जा जमाए बैठे हैं। जब अच्छा हुआ तो भोगे,अब बुरा हुआ तो कोस रहे हैं। बड़े नेताओं की नेतृत्व में घटती आस्था पार्टी को कमजोर करेगी।’ निरुपम का इशारा पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद और पी चिंदबरम जैसे नेताओं की ओर है।

चमत्कार की उम्मीद बरकरार
उन्होंने अपने दूसरे ट्विट में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भी निशाना साधा है। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा है,’जब तक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कमर कस कर तैयार नहीं होता,नीचे के स्तर पर ऊर्जाहीनता और द्विविधा बनी रहेगी। उपाय एक ही है,राहुल गांधी तत्काल अध्यक्ष बनें और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन करें। मेहनती और ऊर्जावान नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे लाएं। चमत्कार जरूर होगा।’

पुराना ढर्रा छोड़ने की जरुरत
संजय निरुपम ने अपने तीसरे ट्विट में लिखा है, ‘हमारे नरेटिव का रिकॉर्ड घिस गया है। नये नजरिए की आवश्यकता है। कांग्रेस ने सदा नए आइडियाज और सामयिक दृष्टिकोण देश के समक्ष रखा है। इसी से देश का भला हुआ है और पार्टी को नई जिंदगी मिली है। देश कांग्रेस का नया अवतार चाह रहा है। हम पुराना ढर्रा छोड़ नहीं रहे हैं। बदलाव नैसर्गिक सच है।’

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