राज ठाकरे की न्यायालय में पेशी… फिर क्या हुआ?

महाराष्ट्र में टोल वसूली के विरुद्ध मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुहिम चला रखी थी। इसके अंतर्गत सड़कों की स्थिति और टोल वसूली की समय सीमा को लेकर कई प्रश्न खड़े किये थे। राज के टोल वसूली विरोधी अभियान के अंतर्गत कई टोल नाकों पर तोड़फोड़ भी हुई थी।

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नवी मुंबई टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ मामले में राज ठाकरे बेलापुर स्थित स्थानीय न्यायालय में उपस्थित होंगे। यह मामला २०१४ का है जिसमें टोल वसूली के विरुद्ध राज ठाकरे के भाषणों के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने टोल नाका पर तोड़फोड़ की थी। इस मामले में राज ठाकरे की जमानत को न्यायालय ने मंजूर कर लिया है।

वर्ष २०१४ में जब यह घटना हुई थी उसके बाद तत्कालीन गृहमंत्री आरआर पाटील ने पुलिस को जांच के आदेश दिये थे। पाटील के आदेश के अनुसार इस मामले में राज ठाकरे की भाषणों की भूमिका की जांच करनी थी। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि राज ठाकरे के भाषण से प्रेरित होकर ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी।

राज ठाकरे की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता अक्षय काशिद ने सूचित किया कि पुलिस ने इस मामले में पिछले वर्ष आरोप पत्र दायर कर दिया है। जिसके बाद बेलापुर प्रथम श्रेणी सत्र न्यायालय ने राज ठाकरे को पेश होने के लिए समन भेजा था। लेकिन यह समन कोविड-१९ लॉकडाउन काल में मिला जिसके कारण राज ठाकरे पेश न हो सके। इस मामले में न्यायालय ने राज ठाकरे के विरुद्ध वारंट भी जारी किया था। जिसे अनुरूप राज ठाकरे बेलापुर प्रथम श्रेणी सत्र न्यायालय के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद न्यायाधीश ने पंद्रह हजार रुपए के निजी मुचलके पर राज ठाकरे को जमानत दे दी। इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 मई को होगी।

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