विपक्ष को मिल गया 2024 के लिए प्रधानमंत्री का चेहरा? लालू यादव के ‘उस’ बयान पर गरमाई राजनीति

विपक्ष में पीएम के कई दावेदार हैं। हालांकि भाजपा नेता और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष का कोई चेहरा टिकता नहीं दिख रहा है।

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शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एकजुटता के प्रयास को करारा झटका लगा है। इसके बावजूद विपक्षी पार्टियों की 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में बैठक प्रस्तावित है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में विपक्ष प्रधानमंत्री के उम्मीदवार की घोषणा करेगा। इसके साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारा किए जाने की बात भी कही जा रही है।इस कारण विपक्षी नेताओं की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

दरअस्ल विपक्ष में प्रधानमंत्री के चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति है। विपक्ष में पीएम के कई दावेदार बताए जा रहे हैं। हालांकि भाजपा नेता और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष का कोई चेहरा टिकता नहीं दिख रहा है।

लालू यादव के बयान पर अटकलें तेज
इस बीच आरजेडी प्रमुख लालू यादव के एक बयान से यह स्पष्ट होता दिख रहा है कि 2024 में विपक्ष के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी हो सकते हैं। दरअस्ल पटना में 23 जून को हुई विपक्ष की बैठक के बाद लालू यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सवालों के जवाब दिए थे। इस दौरान लालू यादव ने राहुल गांधी को शादी की सलाह देते हुए कहा था कि आप दूल्हा बनिये, हम सब बाराती रहेंगे। तब उनके बयान को मजाक में उड़ा दिया गया था, लेकिन बाद में उसके सियासी अर्थ निकाले जाने लगे।

क्या लालू का इशारा 2024 के चुनाव को लेकर था?
राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है कि लालू यादव का इशारा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर था। कांग्रेस के बड़े नेता तारिक अनवर ने दावा किया है कि लालू यादव ने घोषणा कर दी है कि 2024 में विपक्ष के प्रधानमंत्री का चेहरा राहुल गांधी होंगे।

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सवाल ममता और केजरीवाल का?
अब सवाल उठ रहा है कि विपक्षी एकता के प्रयासों के बीच कई बार एक दूसरे पर निशाना साध चुके टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी प्रमुख तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी को विपक्ष के पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करेंगे? फिलहाल ऐसा लगता तो नहीं है। बिना कांग्रेस विपक्षी एकता की पक्षधर ममता बनर्जी क्या अब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करेंगी, वह भी तब, जब पंचायत चुनाव के दौरान वे कांग्रेस और सीपीआई पर निशाना साध चुकी हैं।

इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति के अधिकार को लेकर मोदी सरकार के संसद में अध्यादेश लाने के मुद्दे पर कांग्रेस को अल्टीमेटम दे चुके अरविंद केजरीवाल क्या लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी अपना नेता मानने के लिए तैयार होंगे?

फिर बिखर जाएगा विपक्ष?
फिलहाल इन सभी सवालों के जवाब वक्त आने पर मिलेंगे, लेकिन लगता तो यही है कि विपक्षी एकता का हश्र इस बार भी वही होगा, जो पिछले कई चुनावों में होते रहा है। विपक्ष की एकजुटता बार फिर बिखर जाएगी, क्योंकि इससे कई नेताओं के राजनीतिक स्वार्थ पूरे होते नहीं दिख रहे हैं।

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