पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब मुश्किल से ढाई महीने बाकी रह गए हैं। इस बीच सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में युद्ध स्तर पर जुटी हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को किसी भा हालत में मात देने की कोशिश में जुटी है। इसके लिए पार्टी के मंत्री और नेता काफी पहले से ही सक्रिय हैं। अब तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नाड्डा के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पश्चिम बंगाल में कई बार दौरा कर चुके हैं। अब उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ने जा रहा है। वे 23 जनवरी को असम और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे।
पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित करेंगे पीएम
इस दौरान प्रधानमंत्री कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही वे असम के शिवसागर में एक लाख से अधिक जमीन के पट्टों का वितरण भी करेंगे। प्रधानमंत्री कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। बता दें कि राष्ट्र के प्रति नेताजी की अदम्य भावना और निःस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और याद रखने के लिए, भारत सरकार ने हर साल 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है ताकि देश के लोगों, विशेषकर युवाओं को प्रेरित किया जा सके और उनमें देशभक्ति की भावना का संचार किया जा सके।
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स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी करेंगे जारी
पीएम मोदी इस अवसर पर एक स्थाई प्रदर्शनी और नेताजी पर एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का उद्घाटन भी करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री द्वारा एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। नेताजी की थीम पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आमरा नूतन जिबनेरी’ भी उस दिन आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता में ही राष्ट्रीय पुस्तकालय का दौरा करेंगे। इसी स्थान पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ’21वीं सदी में नेताजी सुभाष की विरासत का फिर से दौरा’ और एक कलाकार शिविर का आयोजन भी किया गया है।
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1.06 लाख जमीन के पट्टों का करेंगे वितरण
इससे पहले दिन में, पीएम असम के शिवसागर भी जाएंगे। वहां वे 1.06 लाख जमीन के पट्टों का वितरण करेंगे। राज्य के स्थानीय लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, असम सरकार ने व्यापक नई भूमि नीति के साथ यहां के लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा पर नए सिरे से जोर दिया है। असम के इन लोगों के लिए पट्टा प्रमाणपत्र जारी करना और उनके बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। असम में 2016 में 5.75 लाख भूमिहीन परिवार थे। वर्तमान सरकार ने मई 2016 से 2.28 लाख आवंटन प्रमाण पत्र वितरित किए हैं। 23 जनवरी को होने वाला समारोह इस प्रक्रिया में अगला कदम है।