केंद्र सरकार हर किसान को वर्ष में 50 हजार रुपये दे रही है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस में कहा कि सरकार ने देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए एक अलग सहकारी मंत्रालय बनाया है।

223

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने प्रगति मैदान में 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस (Indian Cooperative Congress) में कहा कि उनकी सरकार कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) और किसान कल्याण (Farmer Welfare) के लिए सालाना 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। जिसका मतलब है कि हर किसान (Farmers) तक सरकार सालाना औसतन 50 हजार रुपये किसी न किसी रूप में पहुंचा रही है। ये मोदी की गारंटी है। यह आयोजन ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस’ (International Cooperative Day) के मौके पर आयोजित किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ साल में किसानों को उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदकर 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल उर्वरक सब्सिडी पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किये। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे शब्दों में कहें तो सरकार कृषि और किसानों पर प्रति वर्ष लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

यह भी पढ़ें- नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतकर रचा इतिहास, लुसाने डायमंड लीग में 87.66 मीटर दूर फेंका भाला

किसानों को 50 हजार की सहायता
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि इसका मतलब है कि सरकार प्रत्येक किसान को हर साल किसी न किसी रूप में औसतन 50,000 रुपये की सहायता प्रदान कर रही है। यानी भाजपा सरकार में किसानों को अलग-अलग तरीके से हर साल 50,000 रुपये मिलने की गारंटी है। उन्होंने कहा कि वह केवल यह बता रहे हैं कि उनकी सरकार ने क्या किया है और केवल “वादों” के बारे में बात नहीं कर रहे हैं।

2014 के पहले 5 साल का कृषि बजट 90 हजार करोड़ से भी कम
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 4 साल में ‘पीएम किसान योजना’ के तहत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजे गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”यह रकम कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के पांच वर्षों का कुल कृषि बजट 90,000 करोड़ रुपये से भी कम था।”

विभिन्न मुद्दों पर करेंगे चर्चा
भारतीय सहकारी कांग्रेस के दो दिवसीय आयोजन के दौरान, हितधारक सहकारी आंदोलन के विभिन्न रुझानों पर चर्चा करेंगे। साथ ही अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करें और सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करें। इतना ही नहीं, हम भारत के सहकारी आंदोलन के विकास के लिए भविष्य की नीतिगत कार्रवाइयों की रूपरेखा तैयार करेंगे।

देखें यह वीडियो- महाराष्ट्र के बुलढाणा में भीषण बस दुर्घटना

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.