……और अब सुबह की शपथ से तौबा!

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उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का 23 नवंबर को सुबह-सुबह शपथ ग्रहण लेने की घटना महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक है। इस दिन इधर महाविकास आघाड़ी की सरकार बनाने के लिए चर्चा चरम पर थी और उधर तड़के अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन में उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद का शपथ लेकर सनसनी फैला दी थी। हालांकि फडणवीस ने इतनी सुबह इस तरह शपथ ग्रहण करने से तौबा कर ली है।

खबर पर यकीन करना था मुश्किल
राजनीतिज्ञों के साथ ही मुंबईकरों ने आंख खुलते ही जब यब खबर सुनी तो उन्हें यकीन करना मुश्किल हो रहा था। लेकिन शपथ ग्रहण की ब्रेकिंग न्यूज के साथ ही वायरल हो रही तस्वीरें इस घटना के पुख्ता सबूत पेश कर रही थीं। विश्वास नहीं करने का कोई कारण नहीं था। हालांकि फडणवीस की यह तिकड़म की सरकार मात्र ढाई दिन ही टिक पाई। लेकिन यह सब रातोंरात कैसे हुआ,यह आज भी लोगों के लिए रहस्य का विषय है। अब फडणवीस ने ऐलान किया है कि वे इस ढाई दिन के घटनाक्रम पर पुस्तक लिखकर लोगों को सच्चाई से अवगत कराएंगे।

फिर भूचाल लाएंगे फडणवील?
अब विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया है कि वो एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल लाने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन अबकी बार वे सुबह नहीं, सही समय पर शपथ ग्रहण करेंगे। हालांकि जिस तरह से राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार चल रही है, उसे देखते हुए लगता नहीं है कि निकट भविष्य में फडणवीस इस तरह के भूचाल लाकर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो पाएंगे लेकिन इसे ही तो राजनीति कहते हैं।अब फडणवीस की राज की नीति क्या है, इस बारे में तो वो ही बता सकते हैं।

संजय राऊत ने कसा तंज
इस घटना के एक वर्ष होने पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उस राजनैतिक अमावस्या की घटना का एक साल पूरा हो गया है। अब महाराष्ट्र में बीजेपी का जालतंत्र खत्म हो गया है । बीजेपी नेता भ्रमित हो गए हैं। महाराष्ट्र की जनता को उनकी ओर ध्यान देने की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा है कि वह सुबह नहीं अंधकार था। हमें उससे किसी तरह का कोई झटका नहीं लगा। हमारी सभी यादें सुखद हैं। सुबह-सुबह हमारी नींद तो खुल गई लेकिन वे अब तक सो नहीं पाए हैं। वे अब भ्रम में न रहें। अब फिर से वो सुबह नहीं आएगी।

क्या हुआ था उस रात?
उस रात क्या हुआ, इस बारे में लोगों में जानने की आज भी उत्सुकता है। लोगों को सिर्फ इतना पता है कि इस पूरे घटनाक्रम का केंद्र नरीमन प्वाइंट स्थित बी-4 बंगला था। यहां अजित पवार समेत कई विधायको को चर्चा के लिए बुलाया गया था और अचानक यहां से वे राजभवन पर पहुंच गए। इस तरह का दावा अजित पवार समेत अन्य विधायको ने किया था। राजभवन पर शपथ ग्रहण के बाद पार्टी के कई विधायक सुबह सुबह एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मिलने पहुंचे थे। उसके बाद तीन विधायकों ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया था। उनमें शामिल राजेंद्र शिंगणे ने पूरे घटनाक्रम को मीडिया से शेयर किया था।

पांच वर्ष विपक्ष का इंतजार करना है। उसके बाद चुनाव होगा। उसके बाद, सरकार आएगी, लेकिन अब वैसी सुबह नहीं आएगी।

अनिल परब, परिवहन मंत्री, महाराष्ट्र

 

उस कड़वे अनुभव के बाद राज्यपाल भगसिंह कोश्यारी अब सुबह-सुबह इस तरह का कोई काम नहीं करेंगे। राजनीति में इस तरह की घटनाएं घटते रहती हैं। अब उस कड़वे अनुभव की बात करने का कोई मतलब नहीं है।

जयंत पाटील, जलसंपदा मंत्री, महाराष्ट्र

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