पंजाब : खालिस्तानी संबंधों की जांच पर किसे हो रहा दर्द?

तीन संशोधित कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन की आंच विदेशों में भी देखने को मिल रही है। भारतीय किसानों के समर्थन के नाम पर कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन मे प्रदर्शन हुए जिसमें खुलकर भारत विरोधी नारे और खालिस्तानी झंडे लहराए गए।

131

किसान आंदोलन में प्रतिबंधित संस्थाओं के सदस्यों के हिस्सा लेने के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पंजाब में कुछ लोगों को समन भेजा है। इस मामले में किसान आंदोलन के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान भी यह मुद्दा उठा था जिसमें सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि आईबी की रिपोर्ट में इन प्रतिबंधित संस्थाओं की संलिप्तता की सूचना मिली है। इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है। शिरोमणि अकाली दल ने केंद्रीय एजेंसी की इस कार्रवाई को न्यायालय में ले जाने की धमकी दी है।

पंजाब में खालिस्तान को नए सिरे से खड़ा करने की साजिश धीरे-धीरे सामने आ रही है। इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने कई खालिस्तान समर्थकों को गिरफ्तार भी किया है। इसे कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन में रहनेवाले सिखों के एक धड़े का खुला समर्थन मिलता रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मुद्दे पर पंजाब के कुछ लोगों को जांच के लिए समन किया है।

ये भी पढ़ें – पचास साल बाद इस गणतंत्र दिवस पर होगा ऐसा!

जिस पर शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया है। आंदोलन कर रहे किसानों को ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के नाम पर परेशान किया जा रहा है जिससे आंदोलन को तितर-बितर किया जा सके। शिरोमणि अकाली दल ने धमकी दी है कि पार्टी का लीगल सेल इस मुद्दे को न्यायालय में लेकर जाएगा।

ये भी पढ़ें – चीन-पाकिस्तान को सेना अध्यक्ष की चेतावनी.. जानें क्या कहा!

किसानों के बीच पहुंचे आतंकियों का चार साक्ष्य…

  • 1) ‘सिख फॉर जस्टिस’ (प्रतिबंधित संगठन) ने घोषित किया है कि किसान आंदोलन में खालिस्तान का झंडा लहराने वालों को ईनाम दिया जाएगा। इसको लेकर सुरक्षा एंजेसियां सतर्क हो गई हैं।
  • 2) 12 जनवरी, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि किसान आंदोलन में खालिस्तानी समर्थकों ने प्रवेश किया है। आईबी ने इसकी गुप्त रिपोर्ट सरकार को सौंपी है।
  • 3) इसकी पुष्टि करते हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिज्ञापत्र भी दायर किया है।
  • 4) गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर खतरा माना जा रहा है।
Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.