पंजाब कांग्रेस में नया बवाल! अब इन नेताओं ने बढ़ाया पार्टी हाईकमान का सिर दर्द

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित कई नेताओं ने कैप्टन के एक निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जाखड़ ने दोनों विधायकों के बेटों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के निर्णय को गलत बताया है।

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पंजाब कांग्रेस में पहले से ही अंदरुनी कलह चरम पर है। अब एक नया बवाल सामने आया है। पार्टी के मंत्री-नेता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी कलह को लेकर पार्टी हाईकमान के निर्णय का इंतजार ही कर रहे थे कि दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी दिए जाने के मामले में एक नई राजनीति शुरू हो गई है।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित कई नेताओं ने कैप्टन के इस निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जबकि कैप्टन ने इस निर्णय को बदलने या रद्द करने से स्पष्ट रुप से इनकार कर दिया है। प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दोनों विधायकों के बेटों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के निर्णय को गलत बताया है, जबकि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलदीप नागरा ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने किया विरोध
जाखड़ ने कहा कि देश के लिए बलिदान देनेवालों के लिए देश और समाज हमेशा कृतज्ञ रहता है, लेकिन उन्हें अनुकंपा की श्रेणी में रखना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का लंबे समय तक असर पड़ेगा क्योंकि लाभार्थियों की पृष्ठभूमि को देखते हुए यह निर्णय सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीएम को गलत सलाह दी गई। इससे सरकार पर भाई-भतीजा का आरोप लगेगा और पार्टी के नुकसान पहुंचेगा।

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इन्होंने भी किया विरोध
विधायक कुलजीत सिंह नागरा और परगट सिंह ने भी विधायकों के बेटों को नौकरी देने के निर्णय को गलत बताते हुए इसका विरोध किया है। उन्होंने कैबिनेट की बैठक बुलाकर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है। इसके साथ ही नागरा ने दोनों विधायकों के बेटों से नौकरी ज्वाइन न करने की अपील की है। बता दें कि कैबिनेट की बैठक में पांच मंत्रियों के विरोध के बावजूद विधायक फतेहसिंह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया गया।

निर्णय बदलने या रद्द करने से कैप्टन का इनकार
इस बीच मुख्यमंत्री अमरिंद सिंह ने ट्वीट कर स्पष्ट किया है कि इसे न तो रद्द किया जाएगा और न ही वापस लिया जाएगा। कांग्रेस विधायक फतेह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी दी गई है। सीएम ने कहा कि इसे राजनैतिक रंग देना ठीक नहीं। इनके परिवार के बलिदान के कारण इन्हें नौकरियां दी गई हैं। इनके दादा ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी। कैप्टन ने कहा कि जो भी अपने देश के लिए बलिदान देता है, उसे कभी नहीं भुलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बलिदान देने वाले किसी भी परिवार से आने वाले व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी।

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