मणिशंकर अय्यर ने पीवी नरसिम्हा राव को बताया सांप्रदायिक, राम मंदिर पर कही यह बात

राव को 'भाजपा का पहला प्रधानमंत्री' ठहराते हुए कहा कि राव के सांप्रदायिक और हिंदूवादी होने का पता उन्हें तब चला, जब वह 'राम-रहीम' यात्रा निकाल रहे थे। राव मेरी धर्मनिर्पेक्षता के तरीके से सहमत नहीं थे।

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कांग्रेस (Congress) अब तक तो अप्रत्यक्ष रूप में ही पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) के देश और पार्टी में योगदानों की उपेक्षा करती रही है। लेकिन अब कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर (Manishankar Iyer) ने एक मंच से खुलकर पीवी नरसिम्हा राव को सांप्रदायिक (communal) कहा है।

राव को बताया भाजपा का पहला प्रधानमंत्री
अपनी आत्मकथा (autobiography) ‘मेमोयर्स ऑफ ए मावेरिक- द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स’ के विमोचन के अवसर पर अय्यर ने राव को ‘भाजपा का पहला प्रधानमंत्री’ ठहराते हुए कहा कि राव के सांप्रदायिक और हिंदूवादी होने का पता उन्हें तब चला, जब वह ‘राम-रहीम’ यात्रा निकाल रहे थे। राव मेरी धर्मनिर्पेक्षता के तरीके से सहमत नहीं थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि तुम यह नहीं समझते कि यह एक हिंदू देश है। अय्यर इसे भाजपा की भाषा बताया।

राम मंदिर का शिलान्यास गलत
इस कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर (Ram Mandir) के शिलान्यास के बाबत राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) से संबंधित सवाल पर मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मुझे लगता है कि राम मंदिर का शिलान्यास गलत था। आरके धवन ने पीएमओ का राजनीतिकरण कर दिया था।

राजीव ने नहीं ली मुझसे सलाह
इस दौरान मणिशंकर अय्यर ने राजीव गांधी से अपने संबंधों पर टिप्पणी करते कहा कि मैं उनका विश्वासपात्र नहीं था। उन्होंने कभी भी मुझसे राजनीतिक सलाह नहीं लिया। राजीव गांधी को ईमानदार, स्पष्टवादी और सिद्धांतवादी बताते हुए कहा कि उनमें वीपी सिंह और आरिफ मोहम्मद खान जैसी कुटिलता नहीं थी। अय्यर ने राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस में अपने वजूद सहित पाकिस्तान को लेकर भारतीय राजनीति पर अपनी राय व्यक्त की।

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