चंद्रयान-3 की सफलता में एमएसएमई सेक्टर ने निभाई अहम भूमिका, जानें कैसे

एमएसएमई मंत्रालय के तहत भुवनेश्वर टूल रूम ने मिशन के लिए 437 प्रकार के लगभग 54,000 एयरो-स्पेस घटकों का निर्माण किया। इसके अलावा मंत्रालय के तहत एक अन्य संस्थान आईडीईएमआई मुंबई ने भी चंद्रयान-3 के पार्ट्स के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफल लैंडिंग पर पूरी इसरो (ISRO) टीम और देशवासियों को बधाई देते कहा कि चंद्रयान-3 के सपने को साकार करने में देश के वैज्ञानिकों के साथ-साथ एमएसएमई मंत्रालय का भी अहम योगदान है।

भुवनेश्वर टूल रूम और आईडीईएमआई मुंबई की अहम भूमिका
राणे ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय (Ministry of MSME) के तहत भुवनेश्वर टूल रूम (Bhubaneswar Tool Room) ने मिशन के लिए 437 प्रकार के लगभग 54,000 एयरो-स्पेस घटकों का निर्माण किया। इसके अलावा मंत्रालय के तहत एक अन्य संस्थान आईडीईएमआई मुंबई (IDEMI Mumbai) ने भी चंद्रयान-3 के पार्ट्स के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मिशन की सफलता भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए लाभप्रद साबित होगी। ऐसे समय में जब देश आजादी का अमृतकाल मना रहा है, इस मिशन की सफलता निश्चित रूप से देश के अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी।

चरखे से लेकर चंद्रयान तक एमएसएमई सेक्टर का योगदान
राणे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के कुशल नेतृत्व में भारत (India) अंतरिक्ष क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। चरखे से लेकर चंद्रयान तक आज हर जगह एमएसएमई सेक्टर मौजूद है, जो देश की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का इतिहास असाधारण रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी लॉन्च होने वाले अंतरिक्ष मिशनों में एमएसएमई क्षेत्र निश्चित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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