मध्य प्रदेश की राजनीति के केंद्र बिंदु रहे कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह किस प्रकार राजनीति से बेदखल हो गए हैं, इसका एक परिचय भोपाल में शुक्रवार को देखने को मिला। इस दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भेंट का समय न मिलने पर दिग्विजय सिंह धरने पर बैठे थे और दूसरी ओर मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के बीच आधे घंटे बैठक चल रही थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से लगभग आधे घंटे भेंट करने के पश्चात कमलनाथ उस स्थान पर पहुंचे थे, जहां दिग्विजय सिंह धरने पर बैठे थे। वहां पत्रकार भी थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री से भेंट के विषय में जानना चाहा तो कमलनाथ भड़क गए। इस प्रकरण को मध्य प्रदेश की राजनीति में दिग्विजय सिंह के बंटाधार की दृष्टि से देखा जा रहा है। वैसे, यह नाम भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने दिया था। 2003 में राजनीति के शीर्ष पर चल रहे दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। इस चुनाव में कांग्रेस का बंटाधार हो गया था। तभी से दिग्विजय सिंह की राजनीति मात्र दिल्ली के दिल की बात और विवादास्पद बयानों के बीच ही सिमट गई है।
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जो कमलनाथ को संभव, दिग्विजय के लिए दिक्कत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और कमलनाथ के बीच स्टेट हैंगर पर भेंट हुई थी। कमलनाथ अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा से दो दिवसीय दौरे के लिए स्टेट हैंगर पर उतरे थे, जबकि उसी समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने प्रवास के लिए निकले थे और स्टेट हैंगर में थे। दोनों की भेंट स्टेट हैंगर में हुई।
दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे तक बैठक हुई। जिसमें दिग्विजय सिंह के धरने पर बैठने का मुद्दा भी आया था। जिस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्हें दिग्विजय सिंह से मिलने में कोई दिक्कत नहीं है।
धरनास्थल पर पहुंचे कमलनाथ
मुख्यमंत्री से मिलकर दिग्विजय सिंह के पास पहुंचे थे कमलनाथ. वहां उनका सामना पत्रकारों से हुआ। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या उनकी मुख्यमंत्री से भेंट हुई है? इस पर कमलनाथ क्रोधित हो गए, उन्होंने बताया कि, दिग्विजय सिंह ने उन्हें बताया है कि, वे डेढ़ महीने से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिग्विजय को शुक्रवार का समय दिया था, जिसे अंतिम क्षण में रद्द कर दिया गया।