Loksabha election 2024: उत्तर कोलकाता में तृणमूल की बढ़ीं मुश्किलें, भाजपा देगी कड़ी टक्कर

कोलकाता उत्तर पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस के मजबूत गढ़ में से एक है। सुदीप बंद्योपाध्याय पिछले एक दशक से यहां के सांसद हैं। परिसीमन के फलस्वरूप कलकत्ता उत्तर-पश्चिम एवं कलकत्ता उत्तर-पूर्व लोकसभा सीटों का विलय कर इस संसदीय सीट का गठन हुआ था।

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Loksabha election 2024: देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। अभी चुनाव की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन पश्चिम बंगाल (West Bengal) में केंद्रीय बलों (central forces) की तैनाती शुरू कर दी गई है। राज्य की कई ऐसी लोकसभा सीटें (Lok Sabha seats) हैं जिन पर उम्मीदवार लगभग पहले से तय हैं। ऐसी ही एक सीट है उत्तर कोलकाता (North Kolkata), जहां से तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के संसदीय दल के नेता सुदीप बनर्जी जीतते रहे हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा को 1.27 लाख से ज्यादा मतों से हराया था।

कोलकाता उत्तर पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस के मजबूत गढ़ में से एक है। सुदीप बंद्योपाध्याय पिछले एक दशक से यहां के सांसद हैं। परिसीमन के फलस्वरूप कलकत्ता उत्तर-पश्चिम एवं कलकत्ता उत्तर-पूर्व लोकसभा सीटों का विलय कर इस संसदीय सीट का गठन हुआ था। बंगाल में भाजपा का अभ्युदय भी इसी क्षेत्र से आरंभ हुआ था। सुदीप कलकत्ता उत्तर-पश्चिम सीट के रहते 1998 व 1999 में हुए संसदीय चुनाव में भी यहां से निर्वाचित हुए थे। नई सीट के गठन के बाद सुदीप ने 2009 के लोकसभा चुनाव में मोहम्मद सलीम को एक लाख से अधिक मतों से हराया था। उस समय उन्हें 52.50 फीसद वोट मिले थे।

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दिलचस्प होगा मुकाबला
सुदीप बनर्जी की राह इस बार बहुत आसान नहीं रहने वाली है। शहरी सीट होने के कारण यहां पर भाजपा अपने को मजबूत कर चुकी है और जिस तरह से पार्टी ने पश्चिम बंगाल पर फोकस किया है उससे उसे उम्मीद भी बनी है। माकपा कमजोर है लेकिन खत्म नहीं हुई है। माकपा और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। तृणमूल की ओर से सुदीप बनर्जी को टिकट मिलने की उम्मीद है। जाहिर तौर पर भाजपा भी केंद्र में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहेगी और इसके लिए किसी मजबूत उम्मीदवार पर दांव लगाएगी, ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होगा।

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क्या है राजनीतिक इतिहास
कोलकाता उत्तर पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ में से एक है। कोलकाता उत्तर का अपना अलग चरित्र है। कोलकाता के दक्षिण हिस्से में जहां पाश्चात्य संस्कृति झलकती हैं, हाईराइज बिल्डिंग्स हैं, वहीं महानगर का उत्तरी हिस्सा अपनी परंपरारत विशिष्टताओं के लिए अधिक जाना जाता है। यहां कोलकाता अब भी अपने प्राचीन स्वरूप में नजर आता है। कोलकाता उत्तर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल सात विधानसभा सीटें हैं। प्रसिद्ध हुगली नदी इसी शहर से होकर बहती है। कोलकता शहर का उत्तरी भाग सबसे पुराने भागों में से एक है।

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