Lok Sabha Elections: दिल्ली की लोकसभा की 7 सीटों पर बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती?

बीजेपी के लिए एक अच्छी खबर है की दिल्ली वाले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों पर ही मतदान करते आ रहे हैं।

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Lok Sabha Elections: बीजेपी (BJP) के लिए दिल्ली की लोकसभा के सातों सीटें जीतना एक कड़ी चुनौती है। दिल्ली में दिल्ली सरकार (Delhi government) और दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का कब्जा है। दिल्ली में हाशिए पर खड़ी कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी एक सहारा है। बीजेपी ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सात में से 6 अपने उम्मीदवारों को बदल दिया है।

बीजेपी के लिए एक अच्छी खबर है की दिल्ली वाले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों पर ही मतदान करते आ रहे हैं। इसी कारण लोकसभा व विधानसभा चुनाव में दिल्ली के मतदाता किसी एक दल की जगह अक्सर अलग-अलग पार्टियों के समर्थन में खड़े हुए।

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1993 के बाद विधानसभा चुनाव में नहीं मिली सफलता
वर्ष 1993 में एक बार ही भाजपा को विधानसभा चुनाव में सफलता मिली है इसके बाद हुए किसी विधानसभा चुनाव में भाजपा नहीं जीती, कांग्रेस और आप पार्टी का पलड़ा भारी रहा। लेकिन लोकसभा चुनाव में परिणाम इसके उलट रहे वर्ष 1993 के बाद हुए सात लोकसभा चुनाव में दिल्ली में पांच बार भाजपा को बड़ी जीत मिली वहीं कांग्रेस को दो बार कामयाबी मिली। कांग्रेस ने भी राष्ट्रीय मुद्दों पर ही लोकसभा चुनाव में दिल्ली में कामयाबी हासिल की। 2014 और 2019 में बीजेपी ने दिल्ली की सातों सीटें जीती थी।

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आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन बीजेपी को दे पाएगा चुनौती?
दिल्ली में 2 5‌ मई को वोट डाले जाएंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के भीतर अभी भी असंतोष और आशंकाओं का माहौल बना हुआ है। कांग्रेस और आप कार्यकर्ता अब तक परस्पर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। उनके बीच एकता का अभाव भी साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस के अनेकों कार्यकर्ता इस गठबंधन को लेकर असमंजस में है और इसे घाटे का सौदा मान रहे हैं उनका कहना है कि एक लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र होते हैं। मतलब है कि कांग्रेस ने 40 विधानसभा क्षेत्र में अपनी जमीन छोड़ दी है। विधानसभा चुनाव में इस जमीन को वापस पाना आप के लिए कठिन हो सकता है वह आपके कार्यकर्ता भी कांग्रेस प्रत्याशियों को समर्थन देने में हिचकिचा रहे हैं एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने दबी जुबान में स्वीकार किया कि आप समर्थकों को कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए समझना कठिन हो रहा है।

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स्वाति मालीवाल की पिटाई का मामला बीजेपी को देगा फायदा?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल से अंतरिम जमानत मिलने से बीजेपी की चिंता बढ़ गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री आवास पर उनकी पार्टी की महिला सांसद की पिटाई ने केजरीवाल की राजनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी केजरीवाल की कथित स्वघोषित ईमानदार होने की छवि को जनता के सामने खोल रही है।

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