Jharkhand: पंडित दीनदयाल के सपनों को साकार कर रही नरेन्द्र मोदी सरकार: बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को गिरिडीह जिलांतर्गत राजधनवार में आयोजित कार्यक्रम में दीनदयाल के चित्र पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल असाधारण प्रतिभा के धनी महामानव थे।

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Jharkhand: भाजपा (BJP) ने 11 फरवरी (रविवार) को पूरे प्रदेश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyay) की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में बूथ स्तर पर मनाया। प्रदेश, जिला मंडल, बूथ के पार्टी पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय के चित्र एवं प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने 11 फरवरी (रविवार) को गिरिडीह जिलांतर्गत राजधनवार में आयोजित कार्यक्रम में दीनदयाल के चित्र पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल असाधारण प्रतिभा के धनी महामानव थे। उन्होंने विश्व की अनेक विचारधाराओं पूंजीवाद, साम्यवाद, समाजवाद के बीच एकात्म मानववाद का सर्व ग्राह्य दर्शन दिया, जिसने आज विश्व को नई दिशा दी है। दीनदयाल के एकात्म चिंतन में व्यष्टि से समष्टि का चिंतन है। उनके अंत्योदय के चिंतन ने भारत को सर्व स्पर्शी, सर्व व्यापी विकास को सुनिश्चित किया।

सबका साथ, सबका विकास अंत्योदय का पर्याय
देश की नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) सरकार का सबका साथ, सबका विकास अंत्योदय का पर्याय है। मोदी सरकार गांव गरीब, किसान, मजदूर, महिला, आदिवासी, दलित, पिछड़ों को समर्पित है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चाहे जनधन हो, शौचालय निर्माण हो, पेंशन योजना हो, प्रधानमंत्री आवास हो, आयुष्मान कार्ड हो, गरीब कल्याण अन्न योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, किसान सम्मान निधि हो, सभी अंत्योदय आधारित हैं।

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पंडित दीनदयाल का जीवन राष्ट्रसेवा व समर्पण का विराट प्रतीक
भाजपा के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर रांची प्रदेश कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। पं. दीनदयाल उपाध्याय की चित्र पर प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह सहित कई कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया। मौके पर कर्मवीर सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों ने विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरणास्रोत का काम किया है। दीनदयाल का जीवन राष्ट्रसेवा व समर्पण का विराट प्रतीक है। उनका मानना था कि कोई भी देश अपनी संस्कृति के मूल विचारों को भुलाकर प्रगति नहीं कर सकता। जब भी मानवता के कल्याण की बात होगी, पंडित जी के एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत सम्पूर्ण मानवजाति को ध्रुव तारे की तरह मार्गदर्शित करेंगे।

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