Israel: गरज रहीं रॉकेट और मिसाइलें, 1100 से ज्यादा की मौत

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंकी संगठनों को चेताया है कि उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। हमास के हमले से चिंतित अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और यूक्रेन ने इजरायल के समर्थन की घोषणा की है।

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फिलिस्तीन (Palestine) के आतंकवादी संगठन हमास (Hamas) के इजरायल (Israel)  पर हवाई हमले के तीसरे दिन 09 अक्टूबर को भी दोनों ओर से रॉकेट(Rockets) और मिसाइल (missiles) गरज रही हैं। इजरायल के कई इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और हमास के सशस्त्र हमलावरों में सीधी लड़ाई चल रही है। हमास के नियंत्रण वाले गाजा में इजरायल की वायुसेना टूट पड़ी है। उसके लड़ाकू विमानों ने गाजा पट्टी के 426 ठिकानों को निशाना बनाया है। अभी तक के आक्रमण में करीब 700 इजरायली मारे (died) गए हैं। इनमें 57 सैन्यकर्मी और 34 पुलिसकर्मी शामिल हैं। साथ ही करीब 2,200 लोग घायल हुए हैं। इजरायल ने हमास के 400 से ज्यादा आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया है। करीब 2300 हमास लड़ाके घायल हुए हैं। आतंकी संगठन के हमले में 18 विदेशी नागरिक भी मारे गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स और अखबारों में इस भयावह घटनाक्रम को सबसे अधिक प्रमुखता दी गई है।

इजरायल और हिजबुल्ला में जमीनी लड़ाई शुरू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास के हमले में 10 नेपाली, चार अमेरिकी, दो यूक्रेनी, एक ब्रिटिश और एक फ्रांसीसी नागरिक की भी जान चली गई है। इसके अलावा जर्मन नागरिकों के मारे जाने और अमेरिकी नागरिकों को बंधक बनाए जाने की भी चर्चा है। इस लड़ाई में लेबनान के बड़े इलाके पर काबिज आतंकी संगठन हिजबुल्ला ने भी दखल दिया है। उसने लेबनान से इजरायल पर सैकड़ों रॉकेट दागे। उत्तरी इजरायल के माउंड डोव में तीन सैन्य ठिकानों पर मोर्टार से हमला किया। हिजबुल्ला ने कहा है कि इजरायल यह न समझे कि हमास अकेले है। उसे सैन्य साजो सामान वह मुहैया कराएगा। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इन हमलों के जवाब में इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले किए हैं। 08अक्टूबर की शाम से इजरायल और हिजबुल्ला के बीच भी आमने-सामने की जमीनी लड़ाई शुरू हो गई।

आतंकी संगठनों को चुकानी होगी बड़ी कीमत
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू  (benjamin netanyahu)ने आतंकी संगठनों को चेताया है कि उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। हमास के हमले से चिंतित अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और यूक्रेन ने इजरायल के समर्थन की घोषणा की है। वहीं, इजरायल के हमलों से बचने के लिए गाजा इलाके में रहने वाले 20 हजार फिलिस्तीनी अपने घर छोड़कर बाहरी इलाकों में बने 44 स्कूलों में आ गए हैं। संयुक्त राष्ट्र उनके लिए आवश्यक व्यवस्था कर रहा है।

हमास के कब्जे में इजरायल के सैकड़ों नागरिक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास के कब्जे में इजरायल के सैकड़ों नागरिक हैं। इजरायल ने हमास के कब्जे में अपने 100 नागरिकों के होने की पुष्टि की है। शनिवार को रॉकेट हमले के बाद इजरायली शहरों में घुसे हमास के आतंकवादियों ने इन लोगों को बंधक बना लिया था और उन्हें अपने साथ गाजा ले गए। बंधकों में कई देशों के नागरिक हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि हमास की योजना इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी आतंकियों के बदले में उन्हें रिहा करने की है।

बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को बनाया निशाना
इस बीच इजरायली रक्षा बलों के प्रवक्ता रिचर्ड हेचट ने कहा कि एक तरह से यह हमला 9/11 से भी भयावह है। इस हमले का उद्देश्य सिर्फ नागरिकों को निशाना बनाना और बुजुर्गों का अपहरण करना था। रक्षा बल हमास के हमलों का करारा जवाब दे रहे हैं। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। यह इस्लाम के भी खिलाफ है। उन्होंने ईरान को चेताया भी है। हेचट ने कहा है कि इस युद्ध में ईरान और हिजबुल्ला शामिल होने की गलती न करें। अगर ऐसा हुआ तो युद्ध का रूप बदल जाएगा।

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