इजरायल को हथियारों की नहीं, नैतिक समर्थन की जरूरत है- कोबी शोशानी

कॉन्सल जनरल कोबी शोशानी ने इजराइल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बारे में महत्पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इजरायल के नागरिक इस वक्त बेहद मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं।

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दशहरा की पूर्व संध्या पर, दादर के शिवाजी पार्क के पास स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में इज़रायल के कॉन्सल जनरल (वाणिज्य दूत) कोबी शोशानी द्वारा शस्त्र पूजा की गई। 23 अक्टूबर को आयोजित इस कार्यक्रम में स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, राजेंद्र वराडकर, ट्रस्टी शैलेन्द्र चिखलकर, सदस्य के. सरस्वती, कमलाकर गुरव, दीपक कनुलकर, श्वेता पारुलकर, विवेक पारुलकर और विदेश नीति के विद्वान अनय जोगलेकर उपस्थित थे।

कॉन्सल जनरल कोबी शोशानी ने इजराइल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बारे में महत्पूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इजरायल के नागरिक इस वक्त बेहद मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। इजरायल का युद्ध ख़त्म होने के बाद भी वहां टिके रहना आसान नहीं है।

भारत और इजरायल दोनों में कई चीजें समान
भारत और इजरायल दोनों में कई चीजें समान हैं और लोगों के बीच नैतिक मूल्य भी समान हैं। दोनों देशों के लोग परिवार उन्मुख हैं। वे परिवार में माता-पिता और बड़ों के प्रति स्नेह और सम्मान रखते हैं। कॉन्सल जनरल कोबी शोशानी ने कहा कि वे इंसान नहीं बल्कि दो पैर वाले जानवर हैं। वे आतंकी भारत और इज़रायल दोनों में जो बर्बर कृत्य कर रहे हैं, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।

भारत में मिल रहे समर्थन से उत्साहित
इस मौके पर कोबी शोशानी ने कहा कि जैसा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आतंकवादियों को कड़ी सजा दी जाएगी और उन्हें ऐसी सजा मिलनी ही चाहिए। इजरायल को भारत का नैतिक समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है। हम हाल के दिनों में इज़रायल को भारत से मिल रहे समर्थन से काफी उत्साहित हैं। यह युद्ध एक लोकतांत्रिक देश और एक गैर-लोकतांत्रिक देश के बीच है। कोबी शोशानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि यदि कोई इज़रायल के हितों के खिलाफ काम करेगा, तो उसे उस कृत्य की कीमत चुकानी होगी।

स्मारक का दूसरा दौरा
इस मौके पर उन्होंने एक साल पहले स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के दौरे की यादों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”स्वातंत्र्यवीर राष्ट्रीय सावरकर स्मारक में यह मेरा दूसरा आगमन है। मेरी राय में, स्वातंत्र्यवीर सावरकर और एक इजरायली के विचार एक जैसे हैं। उस समय के स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के गहन विचार, उनके द्वारा लिए गए निर्णय इज़रायल के कई महान लोगों की याद दिलाते हैं। स्वातंत्र्यवीर सावरकर बहुत महान व्यक्ति एवं प्रखर नेता थे। जब मैं स्मारक पर आता हूं तो मुझे ऐसा लगता है, जैसे मैं घर आ गया हूं।”

भारत-इजरायल संबंध महत्वपूर्ण 
आज भारत में बहुत सारे यहूदी हैं। उन्हें संदेश देते हुए कोबी शोशानी ने कहा कि इजरायल बहुत शक्तिशाली देश है और इसे ऐसे ही बनाए रखने के लिए भारत-इजरायल के रिश्ते मजबूत होने चाहिए। भारत-इजरायल रिश्ते बेहद अहम हैं। इन दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी करीबी हैं। कॉन्सल जनरल कोबी शोशानी ने कहा कि दोनों देशों की संस्कृति और परंपरा अद्भुत हैं।

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