महाराष्ट्र का बजट प्रस्तुत, ऐसी अर्थव्यवस्था में पहला राज्य

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राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत किया। राज्य की आर्थिक स्थिति गंभीर है। राज्य 24 हजार करोड़ रुपए के घाटे में है। इस विषमता की परिस्थिति में महाविकास आघाड़ी सरकार ने अपना तीसरा बजट प्रस्तुत किया। इसमें सरकार ने सभी क्षेत्र के लिए धन और संसाधन प्राप्ति के लिए धन आबंटित किया है। इस बजट को प्रस्तुत करते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि, महाराष्ट्र एक खरब अमेरिकी डॉलर वाला पहला राज्य है।

इसे मराठी में पढ़ें – राज्याचा 24 हजार 353 कोटींचा तुटीचा अर्थसंकल्प

  • राजस्व प्राप्ति :- 4,03,427 करोड़ रुपये
  • राजस्व खर्च :- 4,27,780 करोड़ रुपये
  • राजस्व घाटा :- 24,353 करोड़ रुपये

वार्षिक योजना :- 1,50,000 करोड़ रुपये
इसमें अनुसूचित जाति के लिए 12,230 करोड़ रुपये
आदिवासी विकास योजना के लिए 11,199 करोड़ रुपये
जिला वार्षिक योजना :- 13,350 करोड़ रुपये*

सीएनजी ईंधन का मूल्य होगा कम
महाराष्ट्र सरकार ने अपने बजट में बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) परलगनेवाले कर में छूट देने की घोषणा की है। इसका सीधा लाभ राज्य में सीएनजी से चलनेवाले वाहनों को मिलेगा।

राज्य में सार्वजनिक वाहन सीएनजी ईंधन से चलते हैं। अब तक इस पर 13.5 प्रतिशत कर लगता था। जिसे राज्य सरकार ने घटाने की घोषणा कर दी है। नए निर्णय के अनुसार अब कर को घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है।

महाराष्ट्र भूमि विकास बैंक के 34,788 कर्जदार किसानों के पास बकाया 964 करोड़ 15 लाख रुपए के कर्ज माफी की घोषणा की गई है। इसके अलावा भूमिविकास बैंक की भूमि और इमारतों का उपयोग अब सरकारी योजनाओं के लिए किया जाएगा।

वसई, ठाणे, मुंबई, नवी मुंबई को जोड़ा जाएगा
राज्य में शिपिंग की सुविधा के लिए, फेरी बोट, रो-रो को महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड द्वारा 3 साल के लिए लगाए गए कर से छूट दी जाएगी।

निर्माण व्यवसाय के लिए राहत
निर्माण व्यवसाय को बढ़ावा देने और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए महाराष्ट्र स्टैंप शुल्क के मैन्युअल समायोजन के लिए आवश्यक अवधि को 1 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष कर दिया गया है।

स्टार्ट अप के लिए सौ करोड़ रुपए आबंटित
वित्त मंत्री अजीत पवार ने अपने लोकलुभावने बजट में स्टार्ट अप के लिए सौ करोड़ रुपए अबंटित किये हैं, जिससे नवउद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा सके।

तृतीय पंथियों को पहचान
राज्य के तृतीय पंथियों को सरकार पहचान पत्र और राशन कार्ड उपलब्ध कराएगी। इससे इस समाज को सरकारी सहायता और सामाजिक सम्मान की श्रेणी में लाया जा सकेगा।

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