अब इस राज्य में धर्मांतरण कानून को सख्ती के साथ लागू करने की उठी मांग!

अब तक उत्तर प्रदेश के साथ ही भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में ही जबरन धर्मांतरण को लेकर कानून बनाए गए हैं, लेकिन अब एक अन्य गैर भाजपा शासित प्रदेश में भी इसकी मांग उठने लगी है।

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झारखंड विधानसभा के बजट सत्र 14वें दिन 22 मार्च को भोजनावकाश के बाद भाजपा विधायक अनंत ओझा ने अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि विदेशी लोग चेहरा बदलकर धर्मांतरण के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक विरासत को बर्बाद करने पर तुले हैं। ये लोग राज्य की सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल बना रहे हैं। उन्होंने सरकार से राज्य में धर्मांतरण कानून को सख्ती के साथ लागू करने की मांग की।

अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जल, जंगल, जमीन की बात करने वाली सरकार में राज्य में धड़ल्ले से जमीन की लूट हो रही है। जबतक भू राजस्व में अमूल चूक परिवर्तन नहीं होगा तबतक विधि व्यवस्था की समस्या बनी रहेगी। आज सत्ता पक्ष के लोग भूमि बैंक का विरोध कर रहे हैं लेकिन जब दिल्ली में इन्वेस्टर समिट में जाते हैं तो उसी लैंड बैंक की जमीन को दिखाकर इन्वेस्टर को आमंत्रित करते हैं। राज्य में म्यूटेशन में खेला चल रहा है। सरकारी प्लाट का अतिक्रमण हो रहा है।

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सीएनटी-एसपीटी उल्लंघन मामले पर कोई करवाई नहीं
उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी उल्लंघन मामले पर कोई करवाई नहीं हो रही है। अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। सीओ द्वारा म्यूटेशन को रिजेक्ट कर आम जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार की गलत नीति के कारण बेरोजगार सड़क पर उतरे हुए हैं। सरकार में शामिल मंत्री राज्य को अशांत करने पर तुले हुए हैं। राज्य में खेल की व्यवस्था चरमरा गई है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को ठप कर दिया गया । आलम यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर महिला फुटबॉल खिलाड़ी तैयार करनेवाली कोच सोनी कुमारी को मानदेय नहीं मिल रहा है। खेल विभाग में घोटाला व्याप्त है।

 विस्थापन आयोग गठन की मांग
झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने कटौती प्रस्ताव के विरोध में बोलते हुए कहा कि राज्य में भूमि प्रबंधन बहुत जरूरी है। भूमि प्रबंधन नहीं होने के कारण राज्य में हत्या हो रही है। उन्होंने राज्य में विस्थापन आयोग के गठन की मांग की। उन्होंने कहा कि विस्थापन आयोग का गठन नहीं होने से राज्य के लाखों विस्थापितों को न्याय नहीं मिल रहा है। उन्होंने एचईसी का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्षों से यहां के विस्थापितों को न्याय नहीं मिला है। विधानसभा तो बन गया लेकिन यहां के विस्थापितों को भी न्याय नहीं मिला है। उन्होंने भूमि बैंक को समाप्त करने की मांग सरकार से की।

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को सिविल न्यायालय द्वारा दोषी करार
दूसरी ओर सदन में अंबा प्रसाद भावुक हो गयीं। विधायक अंबा प्रसाद के पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को सिविल न्यायालय द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद वे भावुक हो गयीं। इसके बाद अंबा के बगल में बैठी कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने उन्हें सांत्वना दिया।

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