चूक या चालबाजी?

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दहिसर आरक्षित भूखंड खरीदी प्रकरण में मुंबई महानगरापलिका की सुधार समिति और सत्ताधारी पार्टी के जिम्मेदार होने की बात सामने आई है। 17 अक्टूबर 2011 को मंजूर किए गए इस प्रस्ताव को बीएमसी प्रशासन ने रद्द करने का निर्णय लिया था लेकिन सुधार समिति और बीएमसी की सत्ताधारी पार्टी ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी।

23 दिसंबर 2021 के बाद भूमि अधिग्रहण की
मुंबई  के दहिसर, एक्सर नगर स्थित उद्यान, खेल का मैदान, अस्पताल, प्रसुतिगृह और दवाखाना के लिए आरक्षित इस भूखंड का कुल  क्षेत्रफल 32 हजार 394 वर्ग मीटर है। इस भूखंड को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने की जानकारी बीएमसी ने इसके लिए मालिक निसल्प रियल्टीज एलएलपी को 27 दिसंबर 2010 को दी थी। इसके बाद सुधार समिति ने 17 अक्टूबर 2011 को इस प्रस्ताव को मंजूर कर भूखंड अपने कब्जे में लेने की इजाजत दी। इसके साथ ही सुधार समिति ने 17 नवंबर 2011 को यह प्रस्ताव जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया। 23 दिसंबर 2011 को इस प्रस्ताव को बीएमसी के सभागृह में मंजूरी दी गई। उस समय भूखंड की अनुमानित कीमत 67 करोड़ 27 लाख 31 हजार 101 रुपए था।
इसमें भूमि अधिग्रहण के 42 करोड़ 78 लाख, 81 हजार 395 और झोपड़ाधारकों के पुनर्वसन के लिए 24 करोड़ 48 लाख 49 हजार रुपए का समावेश था।

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7 जनवरी 2020 को निर्णय पर मुहर
इसके बाद भी प्रशासन ने इस प्रस्ताव को रद्द करने के लिए इसे सुधार समिति के सामने प्रस्तुत किया, जिसे सुधार समिति के अध्यक्ष सदा परब ने 19 नवंबर 2019 को रद्द कर दिया और इससे पूर्व के भूखंड खरीदने के प्रस्ताव को बरकार रखा। 7 जनवरी 2020 को महापौर किशोरी पेडणेकर ने सुधार समिति के निर्णय पर मुहर लगाते हुए प्रशासन के प्रस्ताव को रद्द कर दिया। जिस भूखंड खरीदी के प्रस्ताव को अतिक्रण की जमीन बताकर प्रशासन ने रद्द कर दिया था, उसे जिलाधिकारी कार्यालय में कागजी कार्रवाई और औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद 28 फरवरी 2020 को बीएमसी को सौंप दिया गया।

प्रशासन के प्रस्ताव को रद्द करने के बताए गए ये कारण

  • क्षेत्र के विकास नियोजन के लिए आरक्षित जमीन का अधिग्रहण और विकास जरुरी
  • उद्यान, खेल के मैदान, अस्पताल, प्रसुतिगृह और सड़क के लिए आरक्षित होने के बावजूद इसका लाभ मुंबईकरों को न मिलना उनके साथ अन्याय होगा
  • आरक्षण के अंतर्गत आनेवाले इस भूखंड के अतिक्रमित होने की वजह से यह प्रस्ताव रद्द करना उचित नहीं
  • भूखंड पर झोपड़ों के निर्माण और अनधिकृक कब्जा के लिए बीएमसी प्रशासन जिम्मेदार है, इसलिए इस वजह से इस प्रस्ताव को रद्द करने का प्रशासन का सुझाव उचित नहीं

 

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