ट्रंप पर चीनी अटैक, चालबाजी के आगे चालाकी पस्त

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप इस कोरोना अटैक को हल्के में नहीं ले सकते, क्योंकि वो हाई रिस्क जोन में है। इसका कारण उनकी उम्र के साथ ही उनका ज्यादा वजन होना और पुरुष होने जैसे फैक्टर्स भी हैं।

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नई दिल्ली। जिस चीनी वाइरस को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति युद्ध छेड़ने को तैयार थे उसने सबसे ज्यादा किसी पर हमला किया तो वो ट्रंप का अमेरिका ही है। और अब जिसकी सुरक्षा को लेकर कहा जाता है कि वहां पत्ता भी हिलता है तो सीआईए के सीक्रेट एजेंट की जानकारी में होता है वहां चाईनीज वाइरस कब प्रवेश कर गया इसका पता भी न चला। तो क्या ट्रंप पर हुआ ये चीनी अटैक अमेरिकियों की सुरक्षा एजेंसियों की चालाकी पर भारी पड़ गया अब सवाल तो यही है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलेनिया पर कोरोना अटैक हुआ है। उन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया है। विश्व के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति ट्रंप को कोरोना संक्रमित होने को लेकर हर देश में, हर जगह चर्चा है। दुनिया भर से उन्हें जल्द स्वस्थ होने की शुभकामनाएं मिल रही हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनने से इनकार करते रहे हैं। हालांकि कई अवसरों पर उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से मास्क पहने देखा गया है। अमेरिका में चुनाव से ठीक पहले उन्हें कोरोना संक्रमित होने का असर उनके राजनैतिक जीवन पर पड़ सकता है। ट्रंप पर कोरोना महामारी को गंभीरता से नहीं लेने के आरोप पहले से ही लगते रहे हैं और चुनाव में भी यह अहम मुद्दा बन गया है। अब उनके खुद के और उनकी पत्नी के संक्रमित होने का मुद्दा भी चुनाव में जुड़ जाएगा।
ट्रंप को हाई रिस्क
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप इस कोरोना अटैक को हल्के में नहीं ले सकते, क्योंकि वो हाई रिस्क जोन में है। इसका कारण उनकी उम्र के साथ ही उनका ज्यादा वजन होना और पुरुष होने जैसे फैक्टर्स भी हैं। इन कारणों से डोनाल्ड ट्रंप को जोखिम ज्यादा है और उन्हें इस सच्चाई को समझकर अपने स्वास्थ्य और उपचार पर पूरा ध्यान देना चाहिए। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, 18 से 29 साल की उम्र के लोगों की तुलना में 65 से 74 साल की उम्र के लोगों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना पांच गुना अधिक होती है, जबकि मौत का खतरा 90 गुना अधिक है। इसके अलावा अमेरिका में अब तक कोरोना से जितने मरीजों की मौत हुई है, उनमें 54 पर्सेंट पुरुष हैं।
उम्र के साथ ही अधिक वजन होना भी कारण
ट्रंप की हाइट जहां 8 फीट 3 इंच है, वहीं उनका वजन लगभग 110 किलो है। उनका बॉडीमास इंडेक्स 30.5 है। 30 से ज्यादा बॉडीइंडेक्स वाले मोटे लोगों की श्रेणी में आते हैं। अगस्त में ग्लोबल डेटा पर आधारित एक मेटा-एनालिसिस में कहा गया था कि मोटापे के शिकार लोगों में कोरोना से जान जाने का खतरा सामान्य बीएमआई वाले लोगों के मुकाबले 48 पर्सेंट अधिक होता है। एक अन्य अध्ययन में पता चला है कि अमेरिका में अस्पतालों में भर्ती हुए 17 हजार से अधिक मरीजों में एक तिहाई मोटे थे।
फर्स्ट लेडी को जोखिम कम
ट्रंप की पत्नी मेलेनिया उनसे 24 साल छोटी हैं। इसके साथ ही उनका वजन संतुलित है और वह महिला भी हैं। इन कारणों से उन्हें कोरोना संक्रमण के बाद ट्रंप के मुकाबले जोखिम कम है। फर्स्ट लेडी ने एक ट्वीट में कहा कि वह और उनके पति अच्छा महसूस कर रहे हैं। ट्रंप के फीजिशियन ने कहा है कि राष्ट्रपति और फर्स्ट लेडी ने स्वास्थ्य लाभ के दौरान वॉइट हाउस में ही रहना पसंद किया।
राहत की बात
ट्रंप के लिए राहत की बात यह है कि वे दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के प्रेसीडेंट हैं और उन्हें अच्छी से अच्छी मेडिकल सुविधाएं तथा इलाज मिल सकते हैं। निश्चित रुप से उनकी निगरानी अमेरिका के बेस्ट एक्सपर्ट कर रहे होंगे। इसके साथ ही वे न शराब पीते हैं और न स्मोक करते हैं। साथ ही वे किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं हैं।
एक्सपर्ट की सलाह
दुनिया भर के एक्सपर्ट ट्रंप को सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रंप में कोरोना संक्रमण की पहचान जल्दी हो गई। उनके लिए अच्छा होगा कि खुद को अलग रखें, तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें, आराम करें और लक्षणों पर नजर रखें।अधिकांश लोगों की हालत संक्रमित होने के 5 से 7 दिन बाद बिगड़ती है।जब उन्हें जब सांस लेने में तकलीफ होती है तो अस्पताल में भर्ती कराना जरुरी हो जाता है।

 

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