औरंगाबाद के नााम बदलने के मुद्दे पर महाराष्ट्र में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। कुछ दिन पहले भी इसे लेकर महाविकास आघाड़ी सरकार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी था। कुछ दिनों के विराम के बाद इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने शिवसेना के साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जब राज्य में पांच साल युति की सरकार थी तो शिवसेना-बीजेपी ने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया, अब जब महाविकास आघाड़ी की सरकार है तो दोनों पार्टियां इस मुद्दे को उठाकर विवाद खड़ा कर रही हैं।
कांग्रेस ने शिवसेना के साथ ही बीजेपी पर भी साधा निशाना
बालासाब थोरात ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी महाराज के नाम पर करने के मुद्दे पर शिवसेना के साथ ही बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया। बता दें कि शिवसेना के नाम बदलने के प्रस्ताव का बीजेपी ने भी पूरा-पूरा समर्थन किया है। थोरात ने कहा कि जब ये दोनों पांच साल तक महाराष्ट्र के साथ ही केंद्र में सत्तासीन थीं, तो इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया और अब उस मुद्दे को उठाकर सरकार में अड़चन पैदा कर रही हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर दोनों ही पार्टियों पर ढोंग रचने का आरोप लगाया।
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विकास ज्यादा महत्वपूर्ण और जरुरी
थोरात ने कहा कि नाम बदलने की अपेक्षा औरंगाबाद के विकास को प्राथमिकता देने की जरुरत है। इससे वहां के लोगों का जीवन ज्यादा खुशहाल और आसान बनेगा। वहां के लोगों की भी सरकार से यही अपेक्षा है। उन्होंने महानगरपालिका के चुनाव से जोड़ते हुए शिवसेना-बीजेपी पर निशाना साधा। थोरात ने कहा कि चुनाव करीब देखकर दोनों ही पार्टियां जनता को भ्रमित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों को अपने मतों की चिंता सता रही है। इसलिए उन्हें औरंगाबाद का नामकरण करने की याद आई है। उन्होंने कहा कि हम भी मराठी हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज तथा छत्रपति संभाजी महाराज हमारे भी पूज्य हैं।