मोदी सरकार के खिलाफ भ्रम फैलाना बंद करे कांग्रेस: Giriraj Singh

गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस राज में 16 सौ करोड़ का लेबर डेज था। वहीं, नरेन्द्र मोदी की सरकार में 26 सौ करोड़ के ऊपर है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का बजट कांग्रेस के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।

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केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कांग्रेस की यूपीए सरकार (UPA government) और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मनरेगा (MANREGA) के माध्यम से किए गए कार्यों का ब्यौरा देते हुए कहा है कि कांग्रेस भ्रम पैदा कर रही है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) द्वारा मनरेगा के संबंध में उठाए गए सवाल को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस राज में 16 सौ करोड़ का लेबर डेज था। वहीं, नरेन्द्र मोदी की सरकार में 26 सौ करोड़ के ऊपर है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का बजट कांग्रेस के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।

मोदी सरकार में बिचौलियों के लिए जगह नहीं
उन्होंने कहा है कि हम टेक्नोलॉजी में माध्यम से गरीबों का पैसा गरीबों तक पहुंचा रहे हैं, बिचौलियों के लिए यहां जगह नहीं है। कांग्रेस सरकार में 2014 तक 1660 करोड़ कार्य दिवस सृजित किए थे। मोदी सरकार (Modi government) ने 2014 से अब तक 2604 करोड़ कार्य दिवस से सृजित किया है। कांग्रेस सरकार ने 2.1 लाख करोड़ आवंटित किया था। नरेन्द्र मोदी की सरकार 6.6 लाख करोड़ आवंटित कर चुकी है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने 153 लाख कार्य पूर्ण किए थे। जबकि मोदी सरकार में 669 लाख कार्य पूर्ण किए गए हैं। उनकी सरकार में महिलाओं की भागीदारी मात्र 48 प्रतिशत थी। हमने महिलाओं की भागीदारी 55 प्रतिशत पहुंचा दिया है। उनके समय में मनरेगा पर बिचौलिए हावी रहते थे। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने डीबीटी का सिस्टम लागू किया। जिससे सीधे लाभुकों के खाते में पैसे जा रहे हैं। 99 प्रतिशत डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर हो रहा है तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लग गया है।

जयराम रमेश ने मनरेगा पर उठाया था सवाल
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कल ट्वीट कर मनरेगा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि मोदी सरकार को सबसे कमजोर नागरिकों को मनरेगा के लाभ से वंचित करने के लिए आधार और टेक्नोलॉजी को हथियार बनाना बंद करना चाहिए। मनरेगा श्रमिकों के बकाए का भुगतान करना चाहिए। पारदर्शिता को बेहतर करने के लिए इसके स्थान पर ओपन मास्टर रोल और सोशल ऑडिट लागू करना चाहिए।

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