आतंकियों का समर्थक है चीन? यूएन में फिर दिखा चालबाज का असली चेहरा और सामने आई सच्चाई

यह चौथा मौका है, जब चीन ने भारत और अमेरिका द्वारा दुनिया के चुनिंदा आतंकियों को वैश्विक आतंकी सूची में डालने को लेकर पेश किए गए प्रस्ताव को बाधित किया।

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पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल कराने के भारत व अमेरिकी प्रस्ताव को चीन ने चौथी बार संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया है। 19 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया।

हालिया महीनों में यह चौथा मौका है, जब चीन ने भारत और अमेरिका द्वारा दुनिया के चुनिंदा आतंकियों को वैश्विक आतंकी सूची में डालने को लेकर पेश किए गए प्रस्ताव को बाधित किया। जिसमें लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात आतंकी व मुंबई हमलों के शीर्ष षड्यंत्रकारियों में शामिल साजिद मीर, लश्कर ए तैयबा व जमात उल दावा आतंकी अब्दुल रहमान मक्की, जैश-ए-मोहम्मद चीफ कुख्यात आतंकी अजहर महमूद का भाई अब्दुल रऊफ अजहर के नाम शामिल हैं।

आतंकी घोषित होने से बचा लिया
इन्हें वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए भारत व अमेरिका की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाए गए लेकिन चीन ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर इन्हें वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया। चीन वैसे भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकियों को बचाने के लिए खासा बदनाम रहा है।

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