UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार संभव, राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की।

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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) की अटकलें लगायी जा रही हैं। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार को स्वीकृति दे सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा (BJP) सहयोगी दलों (Parties) को हिस्सेदारी देगी।

इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की टिप्पणी भी आयी है। ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि यदि सरकार में हिस्सेदारी नहीं मिली तो होली नहीं मनाऊंग। वहीं इस बीच रालोद भी भाजपा के साथ आ गयी है। रालोद के सभी विधायकों ने राज्यसभा के चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को वोट किया है। ऐसे में रालोद के साथ-साथ सुभासपा का मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा पर दबाव बढ़ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मार्च के दूसरे सप्ताह में उत्तर प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है।

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मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री योगी
उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को भगवान राम पर आधारित ‘रोम रोम में राम’ नाम की पुस्तक भी भेंट की।

मंत्रिमंडल विस्तार करना मुख्यमंत्री का विवेकाधिकार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार करना मुख्यमंत्री का विवेकाधिकार होता है। मुख्यमंत्री जब चाहेंगे वह मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।

मंत्रियों के कार्यों की भी समीक्षा
राजनैतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीति के अनुसार गठबंधन धर्म का पालन करती है। गठबंंधन के सभी साथियों को सम्मान के साथ सरकार में भी समायोजित करती है। पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियां बदली हैं। ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और अब रालोद भी राजग का हिस्सा है। इन बदली हुए परिस्थितियों में सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के आधार पर सरकार में हिस्सेदारी दी जा सकती है। अगर मंत्रिमण्डल में फेरबदल होता है तो उसके पहले मंत्रियों के कार्यों की भी समीक्षा होनी चाहिए।

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