कर्नाटक चुनावः भाजपा ने जारी किया घोषणा पत्र, यूसीसी के साथ ही ये वादे शामिल

कर्नाटक चुनाव को लेकर बीजेपी का घोषणा पत्र 1 मई को बेंगलुरु में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जारी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई और पार्टी के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद थे।

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भारतीय जनता पार्टी( बीजेपी) नें कर्नाटक चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। 10 मई को होने वाले मतदान के लिए जारी इस घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता का कार्यान्वयन, विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख नौकरियां और बेंगलुरु के लिए एक राज्य राजधानी क्षेत्र का टैग प्रमुख वादों में शामिल हैं।

बीजेपी का यह घोषणा पत्र 1 मई को बेंगलुरु में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जारी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई और पार्टी के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद थे।

मीडिया को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि यह घोषणा पत्र वातानुकूलित कमरे में चर्चा के बाद नहीं तैयार किया गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्य के कोने-कोने का दौरा किया। उसके बाद इस दस्तावेज को तैयार करने के लिए इनपुट इकट्ठा किया गया।

जेपी नड्डा ने मुसलमानों के तुष्टीकरण की नीति पर कही ये बात
बीजेपे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राज्य के लिए भाजपा की दृष्टि “सभी के लिए न्याय, किसी के लिए तुष्टीकरण नहीं” है। नड्डा ने कहा कि राज्य में पार्टी की सरकार ने मुसलमानों के लिए “असंवैधानिक” आरक्षण को समाप्त कर दिया है। चुनावों की घोषणा से ठीक पहले, बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने और इसे लिंगायत और वोक्कालिगा के बीच समान रूप से विभाजित करने का फैसला किया। ये कर्नाटक में दो राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समुदाय हैं।

कांग्रेस का मुसलमानों के आरक्षण फिर से बहाल करने का वादा
दूसरी ओर कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने सत्ता में आने पर आरक्षण को बहाल करने का वादा करते हुए विपक्ष के इस कदम का विरोध शुरू कर दिया है।राज्य में इस बार कड़ी चुनावी लड़ाई का सामना कर रही बीजेपी ने कहा है कि उसके वादे समाज के हर वर्ग को छूते हैं।

कांग्रेस के घोषणा पत्र का इंतजार
इस बार जीत के लिए जी जान से जुटी कांग्रेस ने अभी तक अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है। हालांकि अभियान के दौरान, विपक्षी दल ने सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बीपीएल परिवारों को 10 किलो चावल, हर परिवार में महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक सहायता और बेरोजगार स्नातकों को 3,000 रुपये मासिक भत्ता देने का वादा किया है। हालांकि सवाल ये है कि इन सब वादों को पूरा करने के लिए फंड कहां से आएंगे।

यूसीसी को लेकर बीजेपी का तर्क
इसमें कहा गया है कि समान नागरिक संहिता राज्य में “एक उच्च-स्तरीय समिति द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर लागू की जाएगी, जिसे इस उद्देश्य के लिए गठित किया जाना है”। पार्टी ने नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर और “सभी अवैध प्रवासियों के शीघ्र निर्वासन” को पेश करने का भी वादा किया है।

 भीजेपी के घोषणा पत्र में गरीबों का ख्याल
अन्य वादों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए मासिक राशन किट, अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए सावधि जमा योजना और कर्नाटक को इलेक्ट्रिक वाहनों के केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना शामिल है। पार्टी ने एक वर्ष में बीपीएल परिवारों को 3 मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने का भी वादा किया है।

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