राहुल गांधी की नफरत की दुकान में चीनी सामान? निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

भाजपा सांसद ने कहा, "कांग्रेस सोशल मीडिया, पत्रकारों और चीनी सरकार के माध्यम से इस देश में अशांति फैलाना चाहती है। मैं भारत सरकार से अनुरोध करना चाहता हूं कि पार्टी को मिले फंड की जांच की जाए और आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाए।"

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भारतीय जनता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में वामपंथी प्रचार समाचार आउटलेट न्यूजक्लिक को चीनी फंडिंग का मुद्दा उठाया। उन्होंने 5 अगस्त को एक विस्तृत लेख में अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा किए गए हालिया खुलासों के हवाले से ये मुद्दा उठाया।

दुबे ने लोकसभा में रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा, “राहुल गांधी की नफ़रत की दुकान पर चीनी सामान बेचा जा रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक दिलचस्प रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार न्यूज क्लिक को चीन की ओर से  लगभग ₹38 करोड़ प्राप्त हुए हैं।” इसका मालिक प्रबीर पुरकायस्थ है। भाजपा सांसद ने कहा,  “अखबार की रिपोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय के निष्कर्षों को भी आधार बनाया गया है। न्यूज क्लिक भारत विरोधी, टुकड़े-टुकड़े गिरोह का एक हिस्सा है।”

इन लोगों को भेजा गया धन
भाजपा नेता ने कहा कि न्यूज क्लिक के मालिक द्वारा जमा किया गया धन माओवादियों, नक्सलियों और (अभिसार) शर्मा, रोहिणी सिंह तथा स्वाति चतुर्वेदी जैसे प्रचार मे शामिल लोगों को भेजा गया था। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार भारत विरोधी खबरें गढ़ने और प्रचार प्रसाक के लिए भी पैसा खर्च कर रही है।

खास बातेंः
-निशिकांत दुबे ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ कांग्रेस पार्टी के संबंधों को भी उजागर किया। उन्होंने सबसे पुरानी पार्टी पर 2017 के कुख्यात डोकलाम गतिरोध के दौरान चीन के साथ बातचीत करने का आरोप लगाया।

-भाजपा सांसद ने कहा, “कांग्रेस सोशल मीडिया, पत्रकारों और चीनी सरकार के माध्यम से इस देश में अशांति फैलाना चाहती है। मैं भारत सरकार से अनुरोध करना चाहता हूं कि पार्टी को मिले फंड की जांच की जाए और आरोपियों को सलाखों के पीछे डाला जाए।”

-5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक विस्तृत लेख प्रकाशित किया है, जिसमें एक अमेरिकी व्यवसायी के चीनी सरकार के साथ संबंधों और न्यूज क्लिक नामक एक भारतीय वामपंथी प्रचार आउटलेट को चीनी वित्तीय समर्थन का खुलासा किया गया है।

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-अमेरिका स्थित अखबार के अनुसार, नेविल रॉय सिंघम नाम का एक करोड़पति चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर (भारत सहित) में कई समाचार प्रकाशनों को वित्त पोषित कर रहा है। लेख में कहा गया है कि सिंघम चीन के सरकारी मीडिया के साथ मिलकर काम करते हैं और भारत सहित दुनिया भर में इसके प्रचार के लिए फंडिंग करता है।

-न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया कि सिंघम भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में चीनी सरकार की बातों को प्रसारित करने में सफल रहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के साथ मजबूत संबंध रखने वाले नेविल रॉय सिंघम भारत के खिलाफ चीनी प्रोपेगेंडा में सबसे आगे हैं।

-द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने लेख में कहा है, “शी जिनपिंग के शासन में चीन ने सरकारी मीडिया तंत्र का विस्तार किया है। उसने विदेशी आउटलेट्स के साथ मिलकर काम शुरू किया है और प्रभावशाली विदेशी लोगों को भी इसके लिए तैयार किया है।”

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