महाराष्ट्र में भाजपा का दांव गडकरी पर!

महाराष्ट्र में त्रिशंकु सरकार है, भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में है और हमलावर रही है। वर्तमान आघाड़ी सरकार के कार्यकलाप और नेताओं की संलिप्तता को लेकर आरोप की तोप दगती रही है।

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महाराष्ट्र भाजपा की राजनीति में अलग खिचड़ी पकने के संकेत मिल रहे हैं। राज्य की सत्ता में वापसी के लिए पार्टी द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर दांव लगाने की सूचना है। इसको लेकर दिल्ली में पार्टी के भीतर भी राजनीति गर्म है।

राज्य में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है। इसके बाद भी सत्ता से बाहर है। इस परिस्थिति के लिए भले ही भाजपा की सहयोगी रही शिवसेना पर धोखा देने का आरोप मढ़ा जा रहा हो, परंतु महाविकास आघाड़ी के सत्ता गठन के पिछले ढाई वर्ष में भाजपा कोई खास चमत्कार नहीं कर पाई है। स्थानीय निकाय चुनावों में भी परिणाम मिलाजुला ही रहा है। इस बीच राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी एक बार फिर राज्यस्तरीय राजनीति में सक्रिय दिखने लगे हैं। जिससे कयासों का दौर गर्म हो गया है।

शरद पवार के घर डिनर डिप्लोमैसी
महाराष्ट्र के सांसद और विधायक दिल्ली गए थे, जिससे राजनीति भी दिल्ली केंद्रित हो गई है। इन नेताओं का दिल्ली में ओरियंटेशन कार्यक्रम था, परंतु इसी के बीच, चाह पान और डिनर डिप्लोमैसी भी रंग गई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के घर महाराष्ट्र के नेताओं के लिए रात्रि भोज (डिनर) रखा गया था। जिसमें महाविकास आघाड़ी के घटक दल सम्मिलित हुए थे, परंतु इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति ने सबको चौंका दिया।

दिल्ली में जब यह डिनर डिप्लोमैसी हो रही थी, उसके कुछ घंटे पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना सांसद संजय राऊत की संपत्ति अटैच कर ली थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शिवसेना सांसद संजय राऊत शरद पवार के अगल-बगल बैठे थे। इसमें सुप्रिया सुले, सुनील तटकरे, डॉ. फौजिया खान, विनायक राऊत, निवास पाटिल, डॉ.अमोल कोल्हे, श्रीकांत शिंदे, ओमराजे निंबालकर समेत आघाड़ी के अधिकतर नेता शामिल हुए।

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गडकरी और ठाकरे की भेंट
दिल्ली में डिनर डिप्लोमैसी के कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से भेंट की थी। दोनों नेताओं के बीच यह भेंट राज ठाकरे के निवास शिवतीर्थ पर हुई थी।

दुविधा में कांग्रेस
महाराष्ट्र कांग्रेस अपनी केंद्रीय टीम की भांति दुविधा में है। राज्य के विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पहले पत्र लिखा और अब शीर्ष नेताओं से मिलकर महाविकास अघाडी सरकार में बने रहने के नुकसान गिनाए। कांग्रेस विधायकों का यह कदम महाविकास आघाड़ी में खलल का संकेत माना जा रहा है।

घोटालों से गिर जाएगी सरकार
राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि, महाविकास आघाड़ी सरकार के नेता जिस प्रकार घोटालों में फंस रहे हैं, उसके प्रभाव से राज्य सरकार भी अछूती नहीं रहेगी। ऐसी स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी ने संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है। जिसमें पार्टी का चेहरा हो सकते हैं, पुराने निष्ठावान नेता नितिन गडकरी। राजनीति के सभी खेमों में जिनकी उपस्थिति नए संकेत दे रही है।

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