तमिलनाडु चुनाव : जुड़ गया कमल और पत्ती का साथ

भाजपा और एआईएडीएमके का साथ लंबा रहा है। जयललिता के निधन के बाद यह पहला चुनाव है जो एआईएडीएमके लड़ेगी। इसके लिए दोनों ही पार्टियां जोर लगा रही हैं।

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राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन की घोषणा कर दी है। यह चुनाव अप्रैल-मई के बीच होने हैं। इसके लिए गठबंधन की घोषणा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मदुराई में की।

नड्डा ने स्थिति को स्पष्ट किया कि राज्य में भाजपा का गठबंधन ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्रा कझगम (एआईएडीएमके) के साथ जारी रहेगा। दोनों पार्टियां चुनाव साथ लड़ेंगी। नड्डा तमिलनाडु में एक दिवसीय दौरे के में पहुंचे थे। जहां भाजपा पार्टी कोर कमिटी की बैठक में उन्होंने हिस्सा लिया।

गठबंधन का इतिहास

एआईएडीएमके और भाजपा गठबंधन का यह पहला अवसर है जब दोनों पार्टियां विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ रही हैं। इसके पहले लोकसभा चुनाव ही दोनों पार्टियां साथ मिलकर लड़ी थीं। पहला लोकसभा चुनाव 1998 में एआईडीएमके और भाजपा ने मिलकर लड़ा था। इसके बाद 1999 में दोनों अलग हो गए लेकिन 2004 में फिर दोनों दल साथ आकर लड़े। इसके बाद 2009 और 2014 का लोकसभा चुनाव दोनों ने अलग-अलग लड़ा। इस बीच 2011 और 2016 के विधान सभा चुनाव भी अलग-अलग लड़े गए।

डीएमके और एआईडीएमके के लिए चुनौती

डीएमकेऔर एआईडीएमके दोनों पार्टियों के लिए यह विधानसभा चुनाव काफी कठिन होगा। क्योंकि दोनों ही दलों के शीर्ष नेता नहीं हैं। डीएमके के अध्यक्ष एम करुणानिधि और एआईएडीएमके की अध्यक्ष जे जयललिता का निधन हो गया है। यहां पर वैसे हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन होता रहा है लेकिन पिछले दो चुनावों से जयललिता का जादू मतदाताओं पर चल गया और उनकी पार्टी पिछले दो चुनावों से सत्ता में है।

 

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