अब मजे लेकर खाएं ये ‘सोना’!

तेलंगाना सोना ये नई प्रजाति है चावल की... जिसका भात बनाकर खाना मधुमेह पीड़ितों को परेशान नहीं करेगा। इसका विकास प्रोफेसर जयशंकर ने किया है। जो तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं।

126

तेलंगाना में एक नई जाति का चावल विकसित किया गया है। जिसकी पैदावार खरीफ और रबी दोनों फसलों के मौसम में की जा सकती है। इसके भात का मधुमेह से पीड़ित लोग भी सेवन कर सकते हैं। इससे उनके रक्त में शक्कर की मात्रा में बढ़ोत्तरी नहीं होगी।

तेलंगाना सोना ये नई प्रजाति है चावल की… जिसका भात बनाकर खाना मधुमेह पीड़ितों को परेशान नहीं करेगा। इसका विकास प्रोफेसर जयशंकर ने किया है। जो तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। इस बार इस चावल की फसल राज्य की 25 लाख हेक्टेयर खेती में लगाई गई है। इसका परिणाम उत्साहवर्धक रहा है जिससे अब इसका उत्पादन पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान में किया जाएगा।

ये भी पढ़ें – ममता को क्यों याद आए नेताजी?

तेलंगाना सोना की उपज भी अच्छी है और इसके जायके में दूसरी जाति के चावल की अपेक्षा कोई अंतर नहीं है। इसकी अन्य विशेषताएं इस प्रकार है…

ये भी पढ़ें – सी-प्लेन सेवा ऐसे साबित होगी गेम चेंजर!

तेलंगाना सोना आरएनआर 15048 खरीफ और रबी मौसम में लगाना संभव

  • फसल की बीमारियों के प्रति सुरक्षित
  • प्रति हेक्टेयर 6,500-7000 किलो का पैदावार
  • प्रोटीन 8.76%
  • एमीलोज़ 20.72%
  • ग्लाइसेमित इंडेक्स 51.6%
Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.