चिंताजनक!… तीन में से एक बाल वधु भारत में

अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ के मुताबिक विश्व के तीन में से एक बाल वधु भारत में रहती है।

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वक्त से साथ आए बदलाव में अब महिलाएं काफी आगे निकल आई हैं। हर क्षेत्र में उनका डंका बज रहा है और आने वाले दिनों में उनकी सहभागिता और बढ़ने की पूरी उम्मीद है, लेकिन आज भी यह स्थिति चिंताजनक है कि विश्व के सबसे अधिक यानी लगभग आधी बाल वधुएं भारत समेत पांच देशों में रहती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ ने यह रिपोर्ट पेश की है। उसने अपनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि विश्व के तीन में से एक बाल वधु भारत में रहती है। अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर यूनिसेफ की इस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

दशक के अंत से पहले एक करोड़ बाल विवाह
यूनिसेफ ने विश्व भर के हाल की स्थिति पर कोविड-19-ए थ्रेट टू प्रोग्रेस अगेंस्ट चाइल्ड मैरिज विषय पर पेश की गई इस रिपोर्ट में कहा है कि दशक के अंत से पहले एक करोड़ बाल विवाह हो सकते हैं। उसने इसे विश्व की प्रगति के लिए खतरा बताया है।

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इन देशों में भी बाल विवाह समस्या
रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में 65 करोड़ लड़कियों और महिलाओं का बाल विवाह हुआ था। इनमें से आधी संख्या बांग्लादेश, ब्राजील, इथोपिया, भारत और नाइजीरिया में है।

ठोस उपाय की जरुरत
यूनिसेफ ने कहा है कि इस प्रथा को लक्ष्य के मुताबिक 2030 तक खत्म करने के लिए ठोस उपाय किए जाने की जरुरत है। संस्था के कार्यकारी निदेशक हेनरीता फोर ने कहा कि कोरोना संक्रमण को एक वर्ष हो गया है। लड़कियों और उनके परिवारों को इससे बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरुरत है। उन्होंने बाल विवाह को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि प्रभावी कानून बनाकर तथा लोगों में जागरुकता बढ़ाकर बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों पर रोक लगाई जा सकती है और बच्चियों के बचपन को छीने जाने से बचाया जा सकता है।

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