Prime Minister के मंत्र का कमाल, वन स्टेशन वन प्रोडक्ट ऑउटलेट पर हुआ ‘इतने’ करोड़ का कारोबार

स्वदेशी रूप से निर्मित एवं उगाए गए प्रोसेस्ड और सेमी प्रोसेस्ड तथा अन्य खाद्य उत्पाद भी शामिल हैं। पूर्व मध्य रेल में भी इस योजना के तहत लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने के लिए रेलवे स्टेशन पर शुरू वन स्टेशन वन प्रोडक्ट ऑउटलेट ने बड़ी उपलब्धि हासिल किया है। देश के 1037 स्टेशन पर चल रहे इस काउंटर पर करीब 50 करोड़ का कारोबार हुआ है।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा एक स्टेशन एक उत्पाद योजना शुरू की गई। इसमें सभी स्टेशनों पर वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थानीय निवासी, स्वयंसेवी संस्था, स्वयंसेवी समूह, एनजीओ आदि को स्टेशन पर स्टॉल एवं शो-केस उपलब्ध कराना है। पूर्व मध्य रेल भी इस योजना के तहत चयनित स्टेशनों पर स्टॉल की सुविधा उपलब्ध करा रही है।

केंद्रीय बजट 2022-23 में की गई थी घोषणा
उन्होंने बताया कि केंद्रीय बजट 2022-23 में वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना की घोषणा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों, हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के अवसर प्रदान करना है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 25 मार्च 2022 को 19 स्टेशनों पर 15 दिनों के लिए यह योजना लांच किया गया। वर्तमान में 1037 स्टेशनों पर 1134 वन स्टेशन वन प्रोडक्ट ऑउटलेट कार्यरत हैं।

यह है उद्देश्य
नौ नवम्बर तक 39 हजार 847 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने इस योजना के तहत दिए जा रहे अवसरों का लाभ उठाया है। प्रति आवंटन पांच की दर से अप्रत्यक्ष लाभार्थियों को मानते हुए लाभार्थी एक लाख 43 हजार 232 होते हैं। इन काउंटर पर अब तक करीब 49.58 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई है। एक स्टेशन एक उत्पाद (ओएसओपी) नीति का मूल उद्देश्य समाज के निचले स्तर के लोगों को लाभ पहुंचाना तथा सभी आवेदकों को समान अवसर प्रदान करना है।

इन उत्पादों के स्टॉल
इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए रेलवे द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञापन, सोशल मीडिया, सार्वजनिक घोषणा, प्रेस सूचना, कारीगरों से व्यक्तिगत मुलाकात सहित विभिन्न आउटरीच उपाय किए गए हैं। उत्पादों की श्रेणी उस स्थान के लिए स्वदेशी और स्थानीय है। इसमें स्थानीय कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों, जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, हस्तशिल्प, कपड़ा और हथकरघा, खिलौने, चमड़े के उत्पाद, पारंपरिक उपकरण / उपकरण, वस्त्र, रत्न और आभूषण आदि शामिल हो सकते हैं।

समस्तीपुर मंडल में सबसे अधिक स्टॉल
स्वदेशी रूप से निर्मित एवं उगाए गए प्रोसेस्ड और सेमी प्रोसेस्ड तथा अन्य खाद्य उत्पाद भी शामिल हैं। पूर्व मध्य रेल में भी इस योजना के तहत लोग लाभान्वित हो रहे हैं। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत समस्तीपुर मंडल में 38, सोनपुर मंडल में 34, दानापुर मंडल में 46, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 17 एवं धनबाद मंडल में 26 सहित पूर्व मध्य रेल के 161 स्टेशनों पर स्टॉल खुलना है। इसमें से अब तक 52 स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध है, शेष 109 स्टेशनों पर शीघ्र ही शुरू हो जाएगा।

बढ़ाई गई स्टॉल लगाने की अवधि
उन्होंने बताया कि इस योजना में रेलवे अपने खर्च पर स्टॉल बनवाकर देती है तथा 15 दिनों के लिए निबंधन शुल्क एक हजार रुपये है। स्टॉल की अवधि को 15-15 दिनों के लिए आगे बढ़ाया जाना है। इन स्टॉल पर स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, हैंडलूम, खादी के स्थानीय वस्त्र, कृषि उत्पाद, स्थानीय कारीगरी, संसाधित एवं अर्ध संसाधित खाद्य पदार्थ, परंपरागत परिधान, लकड़ी या मिट्टी से बनी वस्तुएं, खिलौने, मोटे अनाज पर आधारित उत्पाद आदि बेचा जाना है।

निविदा प्रक्रिया से किया जाता है आवंटन
आवंटन निविदा प्रक्रिया द्वारा किया जाता है, जो स्टेशनों पर लॉटरी के माध्यम से रोटेशन के आधार पर योजना के उद्देश्यों को पूरा करते हैं। इच्छुक व्यक्ति, स्वयंसेवी संस्था, स्वयंसेवी समूह, सहकारिता संगठन, गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), जीविका दीदी, खादी उद्योग आदि स्टॉल खोलने हेतु सम्बन्धित स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक या स्टेशन मास्टर, वाणिज्य निरीक्षक एवं मंडल सहायक वाणिज्य प्रबंधक से सम्पर्क कर सकते हैं।

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