पनवेल स्टेशन पर नमाज से नहीं दिक्कत, मनसे की महाआरती अनुमति पर रेल प्रशासन की किटकिट?

पनवेल रेल स्टेशन पर नमान पढ़ने की घटना से लोगों में रोष है। सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक गतिविधियों को बिना अनुमति के करने पर प्रशासन की लापरवाही भी मानी जा रही है।

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पनवेल नमाज

पनवेल स्टेशन हार्बर लाइन पर स्थित है, जो रायगढ़ में आता है। वहां का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग स्टेशन पर नमाज पढ़ रहे थे। इस पर रेलवे प्रशासन को कोई दिक्कत भी नहीं हुई, लेकिन जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता ने उस स्थान पर महाआरती की अनुमति मांगी तो रेलवे अधिकारी किटकिट (अनुमति नकारने) करने लगे।

पनवेल स्टेशन पर नमाज की घटना पर रेल यात्रियों ने जांच और कार्रवाई की मांग की है। यह प्रकरण रेलवे प्रशासन के ध्यान में न आता यदि एक यात्री ने इसका वीडियो रिकॉर्ड करके वायरल न किया होता। उस वीडियो में स्टेशन के एक ओर चार से पांच लोग नमाज पढ़ रहे हैं। इस वीडियो को रिकॉर्ड करनेवाला कहता भी है कि, अब कुछ दिन बाद यहां मजार खड़ी हो जाएगी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही मनसे ने समान अधिकार दिये जाने की बात करते हुए महाआरती की अनिमति मांगी थी।

मनसे की बात रेल प्रशासन को नहीं कुबूल
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पदाधिकारी योगेश चिले ने रेलवे प्रशासन से मिलकर महाआरती की अनुमति मांगी थी।

योगेश चिले कहते हैं, भारत सेक्युलर देश है। सभी धर्म के साथ एक सामन व्यवहार किया जाता है। यदि मुस्लिमों को प्लेटफार्म पर नामज की अनुमति दी जाती है तो, हिंदुओं को भी महाआरती के लिए अनुमति दी जानी चाहिए।

रेलवे प्रशासन योगेश चिले को महाआरती की अनुमति नकार दी है। इसके बाद मनसे का एक प्रतिनिधि मंडल भी रेल अधिकारियों से मिला और अनुमति के निवेदन किया। लेकिन रेल प्रशासन ने नकार दिया।

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