सिडनी में नस्लभेदी मैच!

विराट ने ट्विट पर लिखा, 'नस्ली दुर्व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग के दैरान मुझे भी गालियां सुनने को मिली थीं। यह अभद्रता की चरम सीमा है। मैदान पर इस तरह का व्यवहार दुखदायी है।' कोहली को 2011-12 की टेस्ट सीरीज के दौरान गालियां सुननी पडी थीं।

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क्रिकेट सभ्य लोगों का खेल कहा जाता है, लेकिन मैदान पर कई बार कुछ ऐसा देखने को मिलता है, जिससे यह भ्रम जैसा लगता है।ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में चार टेस्ट मैचों की सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों द्वारा टीम इंडिया के खिलाड़ी मोहम्मद सिराज के खिलाफ की गई नस्लीय टिप्पणी से एक बार फिर यह बात साबित हो गई है। इस मुद्दे पर सिर्फ भारत ही नहीं कई देशों में कोहराम मचा है। इस बीच पैटरनिटी लीव पर चल रहे टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने इसे अभद्र व्यवहार की चरम सीमा करार दिया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

विराट ने ट्विट पर लिखा, ‘नस्ली दुर्व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग के दैरान मुझे भी गालियां सुनने को मिली थीं। यह अभद्रता की चरम सीमा है। मैदान पर इस तरह का व्यवहार दुखदायी है।’ कोहली को 2011-12 की टेस्ट सीरीज के दौरान गालियां सुननी पडी थीं।

भज्जी ने भी माना
इस बीच पूर्व स्पीनर हरभजन सिंह ने भी इस बारे में अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा, ‘ऑस्ट्रेलिया में मैछ खेलते हुए मेरे व्यक्तित्व, धर्म और रंग को लेकर कई बार टिप्पणी की गई। यह पहला अवसर नहीं है, जब दर्शकों ने इस तरह की टिप्पणी की है।

आचर संहिता बनाने की मांंग
इस बीच इंग्लैंड के स्पिनर मोंटी पनसारे ने आईसीसी से दर्शकों के लिए नस्लवाद को स्पष्ट रुप से परिभाषित करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं फिर न घटे। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा, आईसीसी को नस्लवाद पर आचारसंहिता बनानी चाहिए, ताकि नस्ली टिप्पणी के बार में दर्शक अच्छी तरह समझ सकें।

जांच का भरोसा
बता दें कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस मामले की जांच कर रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल( आईसीसी) को मैच रेफरी डेविड बून इस पर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

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