फिर धधकी माउंट एटना..तीन मील तक फैली राख

रिपोर्ट के मुताबिक ज्वालामुखी के दक्षिणी-पूर्वी गड्ढों में सबसे पहले विस्फोट हुआ। ज्वालामुखी की वजह से तीन मील तक इलाके में राख फैल गया। ज्वालामुखी की राख से सिसली के पेडरा और ट्रेमेस्टिरी इटनियो गांव के बीच का इलाका ढंक गया।

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यूरोपीय देश सिसली में स्थित माउंड एटना ज्वालामुखी एक बार फिर धधक उठा है। उसने अपना विकराल रुप दिखाना शुरू कर दिया है। इस ज्वालामुखी से करीब 325 फुट ऊंचा लावा उठा है। रिपोर्ट के मुताबिक ज्वालामुखी के दक्षिणी-पूर्वी गड्ढों में सबसे पहले विस्फोट हुआ। ज्वालामुखी की वजह से तीन मील तक इलाके में राख फैल गई। ज्वालामुखी की राख से सिसली के पेडरा और ट्रेमेस्टिरी इटनियो गांव के बीच का इलाका ढंक गया।

विस्फोट से पहले और बाद में भूकंप
इस विस्फोट से ज्वालामुखी का दक्षिणी-पूर्वी कोना टूट गया। इस वजह से ज्वालामुखी से निकल रहा लावा दो तरफ बह गया। इस विस्फोट से पहले रिक्टर स्केल पर 2.7 की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इसके साथ ही विस्फोट के बाद भी अबतक 20 से ज्यादा बार भूकंप आ चुका है।

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1979 में राख से ढक गए थे दो शहर
ज्वालामुखी के क्रेटर में रात करीब 3 बजे ऊंची-ऊंची लपटे उठने लगीं। फिलहाल मौके पर तैनात कर्मचारियों ने वहां से निकलनेवाले लावे को साफ किया। जानकारों का कहना है कि ज्वालामुखी में यह विस्फोट दोयम दर्जे का है। इसमें विस्फोट लगातार जारी रहेगा। सबसे भीषण विस्फोट को प्लनीई एक्टिविटी कहते हैं। इस दौरान बहुत तेजी से गैस और लावा निकलते हैं। माउंट एटना ज्वालामुखी सन् 1979 में भीषण विस्फोट हुआ था। इसमें पोंपई और हरकुलेनियम शहर राख के नीचे दब गए थे। माउंट एटना ज्वालामुखी 11 हजार फुट ऊंचा और 24 मील चौड़ा है।

सात लाख साल पुराना
माउंट एटना ज्वालामुखी सात लाख साल पुराना है। यह दुनिया का दूसरा सबसे एक्टिव ज्वालामुखी है। माउंट एटना ज्वालामुखी अफ्रीकी और यूरोशियाई टैक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है। इसमें लगातार विस्फोट होते रहते हैं। हर साल करोड़ों टन लावा और 70 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइ़ड,पानी और सल्फर डाई ऑक्साइड माउंट एटना ज्वालामुखी से निकलता है।

महत्वपूर्ण बातें

  • वर्ष 2017 में हुए विस्फोट में कई लोग घायल हो गए थे।
  • माउंट एटना ज्वालामुखी में 1500 ईसा पूर्व में भी विस्फोट हुआ था।
  • वर्ष 1169 में माउंट एटना में भीषण विस्फोट और भूकंप हुआ था, जिसमें कम से कम 15 हजार लोग मारे गए थे।
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