Lok Sabha Elections: चुनाव की आड़ में हिंसा! क्यों कई राज्य होते हैं गोला-बारूद का शिकार?

लोकसभा चुनाव के पहले चरण से ही मतदान के दौरान कुछ राज्यों में कई जगहों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। पश्चिम बंगाल, मणिपुर, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्य हैं, जहां जातिवाद के नाम पर और नक्सलियों द्वारा हिंसा की जा रही है।

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– अमन दुबे

पूरे देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) चल रहे हैं। अब तक तीसरे चरण तक की वोटिंग (Voting) पूरी हो चुकी है। चुनाव आयोग (Election Commission) अलग-अलग तरीकों से लोगों से मतदान में हिस्सा लेने की अपील कर रहा है। कई माध्यमों से लोगों को जागरूक कर रहा है। लोगों से ज्यादा से ज्यादा मतदान करने को कहा जा रहा है। लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को शुरू हुआ था और दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को हुई, तीसरे चरण का मतदान 7 मई को हुआ। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत और तीसरे चरण में 11 राज्यों (States) और केंद्र शासित (Union Territories) प्रदेशों की 93 सीटों पर करीब 61.45 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। (Lok Sabha Elections)

चुनाव से पहले से ही हिंसा जारी
लोकसभा चुनाव के पहले चरण से ही मतदान के दौरान कुछ राज्यों में कई जगहों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। पश्चिम बंगाल, मणिपुर, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्य हैं, जहां जातिवाद के नाम पर और नक्सलियों द्वारा हिंसा (Violence) की जा रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में चुनाव के दौरान बोगस वोटिंग कराती हैं, पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा भी बनर्जी के इशारे पर होती है। अगर आपको याद हो तो पश्चिम बंगाल में हर चुनाव में हिंसा होती है। बंगाल में कभी भी ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ जिसमें हिंसा नहीं हुई है।’

पश्चिम बंगाल का विकास अंधेरे में!
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा समर्थकों पर हमला किया। पहले चरण के मतदान के दौरान हिंसा की घटनाएं देखने को मिलीं। कूचबिहार के ग्यारगारी में भारी हंगामा हुआ। आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के कैंप कार्यालय पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने हमला किया। वहां तोड़फोड़ के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा गया। 8 जुलाई 2023 को पश्चिम बंगाल के ग्राम पंचायत चुनाव में भी ममता सरकार ने हिंसा भड़काई थी। केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों में हिंसा हुई, उस हिंसा में कई लोगों की जान चली गई और कई लोगों को भारी नुकसान हुआ। कई जगहों पर बूथ लूटने, बैलेट पेपर फाड़ने और बैलेट पेपर में आग लगाने की घटनाएं देखी गईं थी।

रामलला के भी नहीं हुए तृणमूल कार्यकर्ता!
जब पूरा देश अयोध्या में रामलला के आगमन पर खुशियां मना रहा था, तब ममता के शासन में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान राज्य में कई जगहों पर हिंसा हुई। कई घरों और दुकानों में आग लगा दी गई और लूटपाट की गई। शक्तिपुर में घर की छत से उपद्रवियों ने शोभायात्रा पर पथराव किया। शोभायात्रा को निशाना बनाकर बम भी फेंके गये। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी रामनवमी पर बंगाल में हिंसा की घटनाएं हुई थीं। (Lok Sabha Elections)

मणिपुरः एक साल से जारी है हिंसा
पिछले साल से मणिपुर में गोलीबारी और बम ब्लास्ट की घटनाएं आम बात हो गई हैं। मणिपुर में हिंसा शुरू हुए करीब एक साल हो गया है, लेकिन राज्य से लगातार मौतों की खबरें आ रही हैं। इस हिंसा में कई सुरक्षा बलों और आम लोगों की जान जा चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के दौरान मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के थमनपोकपी में एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी हुई। इसमें कई लोग घायल हो गए। वहीं, इंफाल ईस्ट के थोंगजू में एक बूथ पर ईवीएम में तोड़फोड़ की गई। राज्य में आरक्षण को लेकर कुकी और मैतेई समुदायों के बीच पिछले साल 3 मई से हिंसा जारी है।

भाजपा राज में सहमे नक्सली
छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा की सरकार है। भाजपा के सत्ता में आने से पहले राज्य में कांग्रेस का शासन था। अपने शासन काल में कांग्रेस ने नक्सलियों को बढ़ावा दिया। आज उसका परिणाम पूरा छत्तीसगढ़ भुगत रहा है। राज्य के बीजापुर जिले हो या फिर बस्तर जिला हो, सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हमेशा फायरिंग होती रहती है। भाजपा सरकार आने से नक्सलियों में भय बना हुआ है। फिर भी वे मौका देखकर वारदात को अंजाम दे ही डालते हैं।

बस्तर में जमकर हिंसा
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान हुआ। लोगों ने बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं,चुनाव के पहले चरण के दौरान बस्तर सीट पर एक मतदान केंद्र पर विस्फोट हुआ। वहीं, बीजापुर में ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ। धमाके में एक असिस्टेंट कमांडेंट और एक कांस्टेबल घायल हो गए हैं। राज्य में कई मतदान केंद्रों पर तोड़फोड़ हुई, लेकिन मतदान में कोई कमी नहीं आयी। हिंसा के बीच भी मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक मतदान किया। (Lok Sabha Elections)

ढेर किए गए नक्सली
पिछले चार महीने के अंदर जवानों ने मुठभेड़ में 96 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है। 175 से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं। बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए जवान दूसरे राज्यों के जवानों और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर विशेष अभियान चला रहे हैं। जवान नक्सलियों के कोर एरिया में घुसकर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।

283 लोकसभा सीटों पर मतदान
तीसरे चरण के साथ ही देश की आधी से ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है। देश में कुल 543 लोकसभा सीटें हैं। पहले चरण में 102, दूसरे चरण में 88 और तीसरे चरण में कुल 93 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई है। कुल मिलाकर अब तक देश की 283 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है। अब बाकी चार चरणों में कुल 260 सीटों पर मतदान होना है। (Lok Sabha Elections)

देखें यह वीडियो- 

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