उत्तराखंड के चमोली में बड़ा हादसा हुआ है। चमोली नंदा देवी नेशनल पार्क के अंतर्गत कोर जोन में स्थित ग्लेशियर फटने के कारण रैणी गांव के पास ऋषि गंगा तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया है। हादसे में इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे कई मजदूरों के बह जान की आशंका जताई गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी दी गई है। इस बीच आसपास के 150 लोगों के लापता होने की खबर है।
ग्रामीणों को बाहर निकालने का आदेश
धौलीगंगा नदी का जल स्तर चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र के रैनी गांव में एक बिजली परियोजना के पास अचानक ग्लेशियर फटने के बाद बढ़ गया। चमोली के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धौलीगंगा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने का निर्देश दिया है। कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि रेती इलाके के लोगों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है।
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जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल के लिए रवाना
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। रेनी गांव के पास धौलीगंगा में बाढ़ देखी गई। यहां ग्लेशियर फटने के बाद जलाशय के बांध टूटने के कारण कुछ जलस्रोतों में बाढ़ आ गई है और कई नदी के किनारे के घर नष्ट हो गए हैं। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। बचाव के लिए सैकड़ों आईटीबीपी के जवान मौके के लिए रवाना हो गए हैं।
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मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर लोगों से बचने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘चमोली जिले से आपदा का समाचार मिला है। जिला प्रशासन,पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने का आदेश जारी किया गया है। किसी प्रकार की अफहावीहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी जरुरी कदम उठा रही है।’
आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंचीं
मिली जानकारी के अनुसार आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंच चुकी है। इसके साथ एनडीआएफ की तीन टीमों को देहरादून से रवाना किया गया है और 3 अतिरिक्त टीमें शाम तक आईएएफ के हेलिकॉप्टर की मदद से वहां पहुंचेंगी। एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन पहले से ही मौके पर मैजूद हैं।
#WATCH | Water level in Dhauliganga river rises suddenly following avalanche near a power project at Raini village in Tapovan area of Chamoli district. #Uttarakhand pic.twitter.com/syiokujhns
— ANI (@ANI) February 7, 2021
हेल्प लाइन नंबर जारी
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि आप अगर प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं और आपको सहायता की जरुरत है, तो आपदा परिचालन केंद्र में 1070 या 9555744486 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
ऋषिकेश व हरिद्वार में 6 से 7 घंटे में पानी पहुंचने का अनुमान
बता दें कि ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजक्ट में करीब 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। बताया जा रहा है कि पहाड़ी से ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर इस डैम पर गिर गया। इससे डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और डैम का पानी तेजी से नदी में जाने लगा। ऋषिकेश तथा हरिद्वार में 6 से 7 घंटे में पानी पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।