किसान आंदोलन के समर्थन में टूलकिट शेयर किए जाने के मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय ने 21 वर्षीय पर्यावरणविद दिशा रवि को जमानत दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने उसे एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। हालांकि दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए उसकी रिमांड बढ़ाने की अपील की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि सभी तथ्यों को देखने के आधार पर दिशा रवि को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है। उन्होंने इसके लिए दिशा को 1 लाख रुपए का मुचलका और इतनी ही रकम के दो जमानती राशि जमा करने का आदेश दिया है।
दिशा के वकील ने दी थी दलील
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर टूलकिट शेयर करने के मामले में उसे दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिशा और अन्य के खिलाफ पुलिस ने राजद्रोह सहित विभिन्न धारओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। दिशा के वकील ने 20 फरवरी को कहा था कि दिशा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा था कि इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा के लिए शेयर किया गया टूलकिट जिम्मेदार है। इसके बाद अदालत ने याचिका 23 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। दिशा रवि की जमानत मिलने पर उसकी मां मंजुला रवि ने कहा कि हम खुश हैं। हम सिस्टम और कानून में विश्वास करते हैं।
Toolkit case: Session Court of Patiala House Court allows the bail plea of Disha Ravi; Additional Session Judge Dharmender Rana grants bail to her on furnishing a bail bond of Rs 100,000 with two surety in like amount.
— ANI (@ANI) February 23, 2021
रवि दिशा पर ये आरोप
फिलहाल पुलिस ने अब तक की जानकारी के आधार पर दिशा रवि पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस का कहना है कि दिशा खालिस्तीन आंदोलन को दोबारा खड़ा करने की साजिश रच रही थी। इसके साथ ही वह भारत सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा थी। इसने टूलकिट को एडिट किया, जिसमें हजारों लोग शामिल हैं। यह खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू से प्रभावित है। इसने 3 फरवरी को टूलकिट एडिट किया था।
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दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैंपेन के फाउंडरों में से एक
दिशा रवि पर आरोप है कि उसने गणतंत्र दिवस पर हिंसा को लेकर स्ट्राइक के लिए बनाई गई टूलकिट को एडिट किया था। उसमें कुछ चीजें जोड़ीं और उसे आगे सर्कुलेट किया। मिली जानकारी के अनुसार दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैंपेन की फाउंडरों में से एक है। 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर केस दर्ज किया था।
दिशा रवि ने माना
दिशा का कहना है कि उसने मात्र दो लाइन एडिट किया था। दिशा ने माना है कि उसने किसान आंदोलन को सपोर्ट किया था, क्योंकि वे हमारे अन्नादाता हैं और वो उनके आंदोलन से प्रभावित थी।
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दिल्ली पुलिस ने दी जानकारी
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया था कि सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के दौरान टूलकिट पाया गया था। इसके राइटर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें प्रायर एक्शन प्लान नाम का एक सेक्शन था, जिसमें किसान आंदोलन के दौरान क्या करना है, इसकी विस्तार से जानकारी दी गई थी।
ग्रेटा थनबर्ग ने किया था किसान आंदोलन का समर्थन
बता दें कि हाल ही में स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने ट्विटर पर टूलकिट भी पोस्ट किया था। इसमें भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने के लिए आंदोलन से संबंधित वीडियो, फोटो, ट्विटर, हैशटैग, टैगिंग अकाउंट की लिस्ट समेत अन्य सामग्री मौजूद थी।
ग्रेटा ने ये लिखा था
ग्रेटा ने अपने टूल किट का जिक्र करते हुए लिखा था कि यदि आप भी मदद करना चाहते हैं तो यह रहा टूलकिट। दिल्ली पुलिस 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा और टूलकिट मामले की जांच सरगर्मी से कर रही है। बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग के आलावा अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना और मिया खलीफा जैसी हस्तियों ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था।
क्या है टूलकिट?
टूलकिट में ट्विटर के जरिए किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित गाइडलाइंस और अन्य मैटरियल्स होते हैं। इसमें आंदोलन से संबंधित वीडियो, फोटो, ट्विटर , हैशटैग, टैगिंग अकाउंट की लिस्ट समेत अन्य सामग्री मौजूद रहती हैं। इसमें तारीख और समय तय होता है,ताकि एक साथ उसे हैशटैग के ट्विटर पर ट्रेंड कराया जा सके और संबंधित पक्ष के खिलाफ माहौल बनाया जा सके।
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