शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर आतंकवाद की ट्रेनिंग, पीएफआई के बड़े षड्यंत्र का ऐसे हुआ पर्दाफाश

महाराष्ट्र के औरंगाबाद,बीड और जालना के साथ-साथ पडेगांव, नारेगांव में शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर आतंकी प्रशिक्षण दिया जा रहा था।

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नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ चलाये गए अभियान में कई बातों का खुलासा किया है। महाराष्ट्र एटीएस को औरंगाबाद से गिरफ्तार पीएफआई कार्यकर्ताओं से अहम जानकारी मिली है। एटीएस को पता चला है कि मराठवाड़ा में फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जा रही थी।

कुछ दिन पहले एटीएस और एनआईए ने पीएफआई के कार्यालयों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई दो चरणों में की गई। इस छापेमारी में पीएफआई के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। साथ ही उनके कार्यालय से महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए थे। इस कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। एनआईए द्वारा की गई कार्रवाई में महाराष्ट्र एटीएस भी शामिल था। एटीएस की जांच में अहम जानकारियां सामने आई हैं।

यहां दी जा रही थी आतंकवाद की ट्रेनिंग
एटीएस ने पाया है कि औरंगाबाद, बीड और जालना के साथ-साथ पडेगांव, नारेगांव में शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर आतंकी प्रशिक्षण दिया जा रहा था। इसके अलावा एटीएस ने न्यायालय में यह भी दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों से कई बड़े वित्तीय लेनदेन किए गए।

आरोपियों को न्यायालय में किया गया पेश
2 अक्टूबर को आरोपियों को विशेष जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.एल. मोरे के न्यायालय में पेश किया गया। आरोपियों की पहचान शेख इरफान शेख सलीम उर्फ ​​मौलाना इरफान मिल्ली, सैयद फैजल सैयद खलील, परवेज खान मुजम्मिल खान, अब्दुल हादी अब्दुल रऊफ और शेख नासिर शेख साबर के रूप में हुई है। जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई में आरोपियों के मोबाइल फोन, लैपटाप और हार्डडिस्क जब्त किए गए हैं। एटीएस ने इनसे अहम जानकारी प्राप्त की है।

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