प्रौद्योगिकी ने नौ वर्षों में जीवन, लोकतंत्र और शासन प्रक्रिया को बदल दिया है’: Rajeev Chandrashekhar

आज हमारे देश की क्षमताओं को देखते हुये, जहां हम अभी हैं, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भविष्य में, भारत जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप जैसे देशों के साथ खड़ा होगा।

890

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने कहा है कि मैं लोगों की भलाई के लिए प्रौद्योगिकी (‘Technology) का प्रसार करता हूं। मैंने तकनीक के एक अनुभवी के रूप में करीब 30-35 साल बिताये हैं, मैं आपको बता सकता हूं कि इस यात्रा का शुरुआती बिंदु वह है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015-16 में प्रौद्योगिकी के लिये अपने लक्ष्य के रूप में रेखांकित किया था। केंद्रीय मंत्री ने ‘सफलता का डीएनए 2023’ विषय पर केंद्रित ईशा इनसाइट के 12वें संस्करण के दौरान ये बातें कही।

प्रौद्योगिकी को लोगों के जीवन को बदलना चाहिये
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दुनिया के किसी भी अन्य नेता के विपरीत, जो इसे नवाचार, धन सृजन और अवसर के क्षेत्र के रूप में देखता है, उद्देश्यों को सामने रखा-कि प्रौद्योगिकी को लोगों के जीवन (lives) को बदलना चाहिये, और इसे हमारे लोकतंत्र को बदलना चाहिये, प्रौद्योगिकी को शासन प्रक्रिया को बदलना चाहिये। लोग मुझसे भारत के संदर्भ में तकनीक के बारे में बात करने के लिए कहते हैं। मैं कहता हूं कि हर देश में तकनीक प्रतिदिन, अंदर और बाहर, एक अरब 20 करोड़ लोगों के जीवन को बहुत ही मौलिक आधार पर बदल रही है। मुझे लगता है कि यह भारतीय तकनीक की कहानी है और कैसे, पिछले नौ वर्षों में, हमने एक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनायी है जो अब नवप्रवर्तन कर रही है, नवाचार, यूनिकॉर्न और स्टार्टअप बना रही है।

भविष्य में भारत अग्रणी देशों के साथ खड़ा होगा
मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक सांसद के रूप में अपने पिछले अनुभवों की चर्चा करते हुये पिछले नौ वर्षों में एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में भारत के उद्भव को रेखांकित किया। मंत्री ने कहा, “ आज हमारे देश की क्षमताओं को देखते हुये, जहां हम अभी हैं, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भविष्य में, भारत जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप जैसे देशों के साथ खड़ा होगा। लेकिन हम निश्चित रूप से वे मूकदर्शक नहीं रहेंगे, जैसे हम 14-15 साल पहले थे। दुनिया भर के सबसे छोटे देश भी भारत की ओर देख रहे हैं और कह रहे हैं, ‘क्या हम उस तकनीक को ओपन-सोर्स तरीके से आपसे ले सकते हैं, ताकि हम भी ऐसा कर सकें।’ इसे लागू करें और उसी तरह का पारिस्थितिकी तंत्र बनायें?”

यह भी पढ़ें – MP: प्रदेश में ठंडी हवा ने बढ़ाई ठिठुरन

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.