स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अंतर्गत बैंकों की कन्सोर्टियम के हाथ विजय माल्या के विरुद्ध एक बड़ी जीत लगी है। जिसके द्वारा अब बैंक माल्या के माल (संपत्ति) को बेच सकेंगे। न्यायालय ने इस प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय के दावे को खारिज कर दिया है।
भगौड़े व्यवसाई विजय माल्या पर बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए का बकाया है। इसमें से 5,600 करोड़ रुपया बैंकों के कन्सोर्टियम का है। 2019 में बैंकों ने माल्या की जब्त संपत्तियों के रखरखाव की इजाजत मांगी की। यह संपत्तियां धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की गई थीं।
ये हैं माल्या की संपत्तियां
◊बैंगलुरू में यूबी सिटी कमर्शियल टावर में कई मंजिलें
◊निर्माणाधीन किंगफिशर टावर में 564 करोड़ रुपए की संपत्ति
◊युनाइटेड ब्रेवरीज और युनाइटेड स्पिरिट्स में पांच हजार करोड़ रुपए के शेयर्स
बैंक बेंच सकेंगे लेकिन…
इस प्रकरण में सुनवाई कर रही धन शोधन निवारण अधिनियम न्यायालय ने बैंकों को एक निर्देश दिया है। जिसके अनुसार यदि विजय माल्या निर्दोष करार होता है या ट्रायल ही शुरू नहीं होता वे यह संपत्ति उसे वापस करेंगे। इस संबंध में बैंकों को एक वचननामा लिखकर देना होगा। इस संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय ने भी आपत्ति नहीं व्यक्त की थी कि बैंक विजय माल्या की संपत्तियों को बेंचकर अपना बकाया वसूलें। लेकिन यदि प्रकरण में माल्या छूटता है तो उसे वापस करने के लिए लिखित वचननामा देना होगा।