कश्मीर से मुंबई वाया दिल्ली, हिंदुओं के विरुद्ध ये विदेशी साजिश तो नहीं?

देश में अपराध की घटनाओं में कहीं एक लिंक तो नहीं अब इसको लेकर जांच की आवश्यकता है। मुंबई में एंटीलिया के बाहर मिली लावारिस गाड़ी और दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास की घटना की जांच एनआईए के हाथ है।

378

श्रीनगर में आकाश मेहरा का परिवार टूटा पड़ा है। दिल्ली में सुशील पंडित को सुरक्षा एजेंसियों ने बचा लिया जबकि मुंबई में एक आतंकी समूह ने अपनी धमक की चेतावनी दी है। आतंक की ये सभी कार्रवाइयां हिंदुओं के विरुद्ध ही हैं। कश्मीर में आकाश पर घात कर दिया लेकिन दिल्ली और मुंबई की सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना रहने की घंटी बज गई है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए हटने के बाद शांति बहाली और विकास की एक नई परिपाटी लिखी जाने लगी है। जम्मू खुश है, कश्मीर अपने विकास की लय पकड़ने के प्रयत्न में हैं। लेकिन ये सब आतंक के आकाओं को सहन नहीं है। 17 फरवरी को उन्होंने श्रीनगर के प्रसिद्ध कृष्णा ढाबा के मालिक आकाश मेहरा पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। वे ग्यारह दिनों तक अस्पताल में मौत को मात देते रहे। हिम्मत नहीं डिगी लेकिन शरीर हार गया और कश्मीरी आतंक की बलि एक और हिंदू चढ़ गया।

ये भी पढ़ें – अंबानी गाड़ी मामला : मुंबई में सक्रिय है आंतकी ‘स्लीपर सेल’? जांच एनआईए के पास?

इधर, मुंबई में प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक एसयूवी लावारिस स्थिति में खड़ी मिली। ये घटना 25 फरवरी की है। जब ढाई किलो जिलेटिन की छड़ों से लदी एसयूवी कार करमाइकल रोड स्थित अंबानी के घर के बाहर की सड़क पर खड़ी मिली थी। इस प्रकरण में जैश उल हिंद नामक संगठन ने जिम्मेदारी ली है। यह नया संगठन है जिसके तार कश्मीर के आतंकी समूहों से जुड़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

तीसरी घटना दिल्ली के आरके पुरम की है। जहां कश्मीरी पंडितों के लिए कार्य करनेवाले सुशील पंडित की हत्या के लिए आए दो लोगों को पकड़ा गया है। इस मामले में पुलिस ने सुखविंदर और लखन नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें दस लाख रुपए में हत्या की सुपारी दी गई है। ये सुपारी प्रिंस उर्फ तुतिम नामक अपराधी ने दी थी जो खुद पंजाब में हत्या के मामले में आरोपी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले की जांच को हाथ में ले लिया है। सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच में इस प्रकरण में पाकिस्तानी आईएसआई एजेंसी से संबंध की बात सामने आई है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में जो चौंकानेवाली बात जांच में सामने आई है उसके अनुसार दोनों आरोपियों से पिस्टल में मौगजीन नहीं फिट हो पाई। जिसके बाद उन्होंने अपने हैंडलर्स से दुबई में संपर्क किया था। ये बातचीत दिल्ली से दुबई, पाकिस्तान और पंजाब के अपराधियों के बीच सिग्नल मैसेजिंग ऐप के माध्यम से हुई थी।

ये भी पढ़ें – महाराष्ट्र : शिवसेना के ‘संजय’ का सशर्त त्यागपत्र, सीएम का ये है निर्णय…

ये हैं संगठन

मुस्लिम जाबांज फोर्स : श्रीनगर के कृष्ण ढाबा के मालिक आकाश मेहरा की हत्या के प्रकरण की जिम्मेदारी मुस्लिम जाबांज फोर्स ने ली है। इसका गठन 1980 में श्रीनगर में फिरदौस अहमद बाबा उर्फ बब्बर बद्र ने किया था। यह पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट की सशस्त्र शाखा थी। जिसके मुखिया कश्मीरी नेता शबीर अहमद शाह थे।
इस संगठन का नाम उस समय बहुत कुख्यात हो गया जब 1991 में इसके आतंकियों ने उरी के हाइडल पार्क क्षेत्र से दो स्वेडिश इंजीनियरों का अपहरण कर लिया था। इस संगठन का मुखिया आमिर तहा जाता है। संगठन के पहले आमिर के रूप में बब्बर बद्र का नाम सामने आया था। लेकिन उसकी और शब्बीर शाह में नहीं पटी और बब्बर बद्र अलग हो गया। भारत सरकार ने जिन चार आरोपियों को कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए बुलाया था उसमें बब्बर बद्र भी शामिल था।

जैश उल हिंद : यह आतंकी सगठन नया है। इसका संबंध ईरान से माना जा रहा है। इस आतंकी समूह का नाम दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास हुए कार धमाके में सामने आया था। अब जांच एजेंसियों द्वारा इस संगठन के विषय में जानकारी इकट्ठी की जानी है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.