SC on EVM: SC ने ईवीएम पर जताया भरोसा, ईवीएम के खिलाफ याचिका को किया खारिज

याचिकाकर्ता आईएनसीपी ने आशंका जताई है कि 2016-19 के दौरान ईसीआई की हिरासत से गायब 19 लाख ईवीएम का इस्तेमाल आगामी लोकसभा आम चुनाव, 2024 में हेरफेर करने के लिए किया जा सकता है।

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SC on EVM: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 15 मार्च (शुक्रवार) को दो रिट याचिकाएं खारिज (Writ petitions dismissed) कर दीं। अर्थात्, 19 लाख से अधिक ईवीएम (EVM) गायब होने की आशंका और ईवीएम पर अपना विश्वास जताते हुए चुनाव कराने के लिए मतपत्र का उपयोग करने की एक अन्य याचिका। 19 लाख गायब ईवीएम याचिका पर फैसला सुनाते हुए, शीर्ष अदालत ने आशंकाओं और आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया, जिससे मामला भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) (ईसीआई) के पक्ष में बंद हो गया।

याचिकाकर्ता आईएनसीपी (INCP) ने आशंका जताई है कि 2016-19 के दौरान ईसीआई की हिरासत से गायब 19 लाख ईवीएम का इस्तेमाल आगामी लोकसभा आम चुनाव, 2024 में हेरफेर करने के लिए किया जा सकता है। जबकि मतपत्र का उपयोग करके चुनाव कराने के संबंध में एक अन्य याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया गया है।

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ईवीएम की कार्यप्रणाली पर अपना भरोसा जताया
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 61ए को रद्द करते हुए, न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि अदालत द्वारा ईवीएम के कामकाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर 10 से अधिक मामलों की बार-बार जांच की गई है। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर अपना भरोसा जताया। पिछले दशकों में और लगभग 40 निर्णयों में, सर्वोच्च न्यायालयों ने ईसीआई-ईवीएम और आसपास की पारदर्शी प्रक्रिया और कठोर प्रशासनिक प्रोटोकॉल में अपना विश्वास और दृढ़ विश्वास रखा है, जिससे भारत में ईवीएम के पक्ष में विकसित न्यायशास्त्र में अत्यधिक मूल्य और ताकत जुड़ गई है। सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम फैसले सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के आदेशों की मजबूत और बढ़ती श्रृंखला को और बढ़ाते हैं, जिन्होंने विभिन्न ईवीएम मामलों की जांच की है और भारत के चुनाव आयोग के पक्ष में फैसला सुनाया है।

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50,000 रुपये का लगया जुर्माना
यह भी ध्यान दिया जा सकता है कि एक हालिया मामले (मध्य प्रदेश जन विकास पार्टी बनाम भारत चुनाव आयोग, विशेष अनुमति याचिका (सिविल) 16870/2022, सितंबर 2022) में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि देश में दशकों से ईवीएम का उपयोग किया जा रहा है लेकिन समय-समय पर मुद्दे उठाए जाते रहते हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी ऐसी ही एक याचिका (सी.आर. जया सुकिन बनाम भारत चुनाव आयोग और अन्य, रिट याचिका (सिविल) 6635/2021, अगस्त 2021) पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसमें ईवीएम के इस्तेमाल को रोकने की मांग की गई थी। सभी आगामी चुनावों में और इसके स्थान पर मतपत्र का उपयोग करना।

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