पांच सेक्टर में बंटी पहाड़ों की रानी शिमला, जानिये क्या है कारण

बर्फबारी से निपटने की तैयारियों के मददेनजर 6 नवंबर को उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।

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विंटर सीजन के दौरान पहाड़ों की रानी शिमला में होने वाली संभावित बर्फबारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर व आसपास के क्षेत्रों में दिसंबर के पहले सप्ताह में बर्फबारी होने की संभावना रहती है। बर्फबारी से निपटने की तैयारियों के मददेनजर 6 नवंबर को उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।

उपायुक्त ने बताया कि मौसम विज्ञान के अनुसार इस वर्ष जिला में हिमपात सामान्य एवं सामान्य से कम रहने तथा तापमान सामान्य व सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र शिमला में नियंत्रण कक्ष पहले ही स्थापित कर दिया गया है। इसके लिए 1077 टॉल फ्री नम्बर 24 घंटे काम करेगा। उन्होंने हिमपात के दौरान लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं नगर निगम शिमला को प्राथमिकता के आधार पर सभी मार्गों को खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को जगह-जगह सड़कों पर पर्याप्त रेत एवं कैल्शियम क्लोराइड उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए तथा वहीं समय रहते मशीनरी के संबंध में भी टेंडर प्रक्रिया शुरु करने के आदेश दिए।

आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त भण्डारण करने के लिए उठाए जा रहे हैं उचित कदम
उन्होंने कहा कि जिला के सभी स्थानों पर आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त भण्डारण करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भारी बर्फबारी के चलते दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

उन्होंने स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को हिमपात के दौरान एम्बुलेंस तथा अन्य गाड़ियों के लिए टायर चौन का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए ताकि आपातकालीन स्थिति में बर्फ के बीच गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सके।

उन्होंने अन्य संबंधित सभी विभागीय अधिकारियों को हिमपात के दौरान जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने का आग्रह किया ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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इन सड़कों को खोला जाएगा प्राथमिकता के आधार पर
उपायुक्त ने कहा कि शिमला शहर में बड़े अस्पतालों एवं मुख्य जगहों के चलते कुछ सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर खोला जाना आवश्यक है, जिसमें संजौली से आईजीएमसी, आईजीएमसी से कैंसर अस्पताल, केएनएच से कार्ट रोड, राजभवन से ऑकओवर, हॉलीलॉल से रिज, रिच माउंट, यूएस क्लब, ओकओवर एवं सचिवालय, बालूगंज से पीटरऑफ होते हुए चौड़ा मैदान से एजी ऑफिस तक, लिफ्ट से हाईकोर्ट-ओकओवर-छोटा शिमला, कार्ट रोड से विक्ट्री टनल-सचिवालय, कार्ट रोड से विक्ट्री टनल संजौली लक्कड़ बाजार होते हुए, कैनेडी चौक से अनाडेल, छोटा शिमला से कुसुम्पटी पंथाघाटी, मैहली से शोघी सड़कें शामिल है।

पांच सैक्टरों में बंटा शिमला शहर
उपायुक्त ने कहा कि शहर को हिमपात के लिए पांच सैक्टरों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सैक्टर में संबंधित विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी सुनिश्चित की गई है।

सैक्टर-1 में संजौली, छोटा शिमला, ढली, कुफरी, नालदेहरा, मशोबरा तथा बल्देयां शामिल है। इसी प्रकार, सैक्टर-2 में ढली, संजौली बाईपास, आईजीएमसी, लक्कड़ बाजार, विक्ट्री टनल, कैथू, भराड़ी, चौड़ा मैदान, एजी ऑफिस, अनाडेल तथा हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय शामिल है। सैक्टर-3 में बाईपास एनएच रोड आईएसबीटी होते हुए शोघी तक, चक्कर, बालूगंज, टूटू, जतोग, नाभा, फागली, खलीणी, बीसीएस तथा विकासनगर शामिल है। सैक्टर-4 में उपायुक्त कार्यालय, विक्ट्री टनल से कार्ट रोड छोटा शिमला तक, ओकओवर, यूएस क्लब, रिज, हॉलीलॉल, जाखू, रिच माउंट, राम चन्द्रा चौक, केएनएच तथा हाईकोर्ट शामिल है। सैक्टर-5 में प्रदेश सचिवालय, छोटा शिमला, ब्रॉकहॉस्ट, कसुम्पटी, पंथाघाटी व मैहली शामिल हैं।

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