कोरोना वैक्सीन का निर्माण शुरू हो चुका है। इंग्लैंड, अमेरिका, रूस समेत कई देशों ने कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की शुरुआत भी कर दी है। इस बीच आतंकवादी समूह और साइबर क्रिमिनल्स ने भी इससे अपने संगठन को मजबूत करने और नकली दवाओं के व्यापार से पैसे कमाने की कोशिश में हैं। इस विषय में इंटरपोल ने 194 सदस्यों को चेतावनी जारी की है।
अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूहों और साइबर क्रिमिनल्स के निशाने पर टॉप पर कोरोना वैक्सीन है। इसकी निर्माणकर्ता कंपनियों पर लगातार साइबर अटैक होते रहे हैं। अब जब कई देशों ने कोरोना वैक्सीन दिये जाने की अनुमति दे दी है तो साइबर क्रिमिनल्स लोगों से ऑनलाइन संपर्क करके वैक्सीन उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं। इसकी ऐवज में ऑनलाइन मनी ट्रांसफर की मांग की जा रही है। महाराष्ट्र पुलिस के विशेष पुलिस महानिरिक्षक यशश्वी यादव एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहते हैं कि इस संबंध में महाराष्ट्र पुलिस और इंटरपोल दोनों ने सूचनाएं जारी की हैं।
इंटरपोल का ऑपरेशन पैंगी 13
कोरोना महामारी काल में फर्जी संदेशों के जरिये दवाई, स्वच्छता साहित्य दिलाने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा था। इस पर इंटरपोल ने ऑपरेशन पैंगी-13 शुरू किया। इसमें 90 देशों ने साथ दिया। इसमें बड़े स्तर पर बरामदगी और कार्रवाई हुई।
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#2020InReview: Operation Pangea XIII was the 1st global crackdown to show that #COVID19 had sparked a new trend in counterfeit medical items.
Law enforcement found 2,000 online links advertising items such as face masks, hand sanitizer & antiviral meds.https://t.co/8pSR0DIlGv
— INTERPOL (@INTERPOL_HQ) December 24, 2020
- 44 लाख यूनिट अवैध फार्मास्यूटिकल का भंडाफोड़
- विश्वभर से 121 लोग गिरफ्तार
- 34,000 यूनिट्स नकली मास्क, स्प्रे, कोरोना दवाई बरामद (मार्च 3 से 10)
- 2,500 वेब लिंक, सोशियल मीडिया पेज, ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर कार्रवाई
- 37 संगठित आपराधिक समूहों का भंडाफोड़
- नकली क्लोरोक्वीन, एंटी मलेरिया दवा, कोरोना दवाई की विक्री में 100 प्रतिशत बढ़ोतरी
- अवैध एंटी वाइरल दवाओं की बरामदगी में आई 18 प्रतिशत बढ़ोतरी
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आतंकी समूह कर रहे कोरोना काल का उपयोग
इंटरपोल द्वारा जारी एक ट्विटर संदेश में बताया गया है कि आतंकी समूह भी कोरोना महामारी काल का उपयोग अपने संगठनों की मजबूती के लिए कर रहे हैं। इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल जर्गन स्टॉक कहते हैं कि,
आतंकी-अन्य अपराधियों की तरह कोविड-19 का पैसे कमाने और अपने संगठन को मजबूत करने के लिए उपयोग कर रहे हैं।
इंटरपोल ने 194 सदस्य देशों को वैश्विक चेतावनी जारी की है। इसमें इन देशों की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसीज को संगठित आपराधिक समूहों के प्रति सजग रहने को कहा गया है। जिसमें ये आपराधिक समूह निजी और ऑनलाइन तरीकों से कार्य कर सकते हैं। यह चेतावनी इंटरपोल की ओर से दिसंबर में जारी की गई है।
Some terrorist groups have used the #COVID19 pandemic to reinforce their power and influence, particularly among local populations. The use of disinformation and conspiracy theories is also a common denominator across all idealistic spectrums.https://t.co/7f9ysnf0q7 pic.twitter.com/yycGUZfGGH
— INTERPOL (@INTERPOL_HQ) December 22, 2020
लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर कमाई
अपने साक्षात्कार में महाराष्ट्र पुलिस के विशेष पुलिस महानिरिक्षक यशश्वी यादव कहते हैं कि, साइबर क्रिमिनल्स लोगों की भावनाओं का लाभ उठा रहे हैं। कोरोना से विश्व में 7 करोड़ 75 लाख के करीब कोरोना संक्रमित हैं। जिसमें 17 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इसे लेकर विश्व में डर का माहौल है। इसी का लाभ उठाकर अवांछित समूह ऑनलाइन दवाईयां उपलब्ध कराने का दावा करके ठगी का व्यापार चला सकते हैं।
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