अमेरिकियों के दिमाग को खा रहा अमीबा!

दक्षिणी और उत्तरी राज्यो के साथ ही अमेरिका के मध्यवर्ती राज्यों मं भी नेगलेरिया फाउलरली अमीबा के केस सामने आने से अमेरिका प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। मिन्नसोटा, कंसास और इंडियाना में इसके सैकड़ों मामले सामने आए हैं। सीडीसी के मुताबिक कोई व्यक्ति इस अमीबा से दूषित पानी के पीने मात्र से इससे ग्रस्त नहीं हो सकता है।

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कोरोना के कारण मचे कोहराम के बीच अमेरिका में दिमाग को खानेवाला घातक अमीबा नेगलेरिया फाउलरली बीमारी ने सर उठाना शुरू कर दिया है। अमेरिका के दक्षिणी राज्यों पाई जानेवाली यह बीमारी अब उत्तरी राज्यों में भी तेजी से फैल रही है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिपोर्ट के मुताबिक यह अमीबा अब तेजी से उत्तरी राज्यों को भी अपनी चपेट में ले रहा है।

अमेरिका की बढ़ी चिंता
दक्षिणी और उत्तरी राज्यो के साथ ही अमेरिका के मध्यवर्ती राज्यों मं भी नेगलेरिया फाउलरली अमीबा के केस सामने आने से अमेरिका प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। मिन्नसोटा, कंसास और इंडियाना में इसके सैकड़ों मामले सामने आए हैं। सीडीसी के मुताबिक कोई व्यक्ति इस अमीबा से दूषित पानी के पीने मात्र से इससे ग्रस्त नहीं हो सकता है।

इनमें पाए जाता है ये जीवाणु
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह दिमाग को खानेवाला जीवाणु आमतौर पर मिट्टी, गर्म झील, नदियों और गर्म जलधाराओं में जाता है। इस बीमारी से ग्रस्त 87 प्रतिशत लोगों ने अपने अनुभव शेयर करते हुए इस बीमारी को खतरनाक बताया। वर्ष 2009 से लेकर 18 तक इस जीवाणु से ग्रस्त होने के अनेक मामले सामने आए थे।

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1962 से 2018 के बीच 1045 मामले
वर्ष 1962 से लेकर 2018 के बीच 1045 लोगों को इस जीवाणु ने ग्रसित किया था। इनमें मात्र 40 लोग ही बच पाए थे। इससे संक्रमित इंसान के दिमाग में जानलेवा संक्रमण होता है। जानकारों के मुताबिक, सेंट्रल ऑफ डिजिज कंट्रोल के अनुसार लोग इस तरह के अमीबा के शिकार स्विमिंग के दौरान होते हैं।

नाक के रास्ते दिमाग में पहुंचते हैं जीवाणु
नेगलेरिया फाउरलरली अमीबा उनकी नाक से होते हुए इंसान के दिमाग तक पहुंच जाता है। उसके बाद दिमाग के टिश्यूज को अपना ग्रास बनाने लगता है। इस तरह के अमीबा के संसर्ग में आनेवाले 97 प्रतिशत लोगों का बचना मुश्किल होता है। सीडीसी के मुताबिक यह अमीबा हर साल 8.2 मील उत्तर की ओर बढ़ रहा है। सीडीसी ने बताया कि यह जीवाणु ठीक से रखरखाव नहीं किए जाने के कारण स्वीमिंग पूल मे और फैक्ट्रियों से छोड़े गए गरम पानी में भी रहता है।

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